मुंबई | विदेशो से मुस्लिम महिलाओ के हिजाब पहनने पर आपत्ति की खबरे मिलती रहती है. अभी तक हिंदुस्तान में इस तरह की कोई घटना सामने नही आई थी. लेकिन मुंबई में एक मुस्लिम महिला को केवल इस वजह से अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा क्योकि वो नौकरी के दौरान हिजाब पहनती थी. जब उसको हिजाब निकालने के लिए कहा गया तो उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया.
मुंबई के एक स्कूल में पढ़ाने वाली मुस्लिम महिला शबीना नाजनीन खान का आरोप है की उसको स्कूल में हिजाब पहनने से रोका गया. जब मुझ पर बार बार दबाव बनाया गया तो मैं नौकरी से इस्तीफा दे दिया. इससे पहले शबीना को स्कूल में बुर्का पहनकर आने से भी मना किया गया था जिसको शबीना ने मान लिया था. एक एनजीओ ने महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री को ख़त लिखकर मामले की जांच करने की मांग की है.
शबीना , मुंबई के कुर्ला में स्थित विवेक इंग्लिश हाई स्कूल में पढ़ाती थी. शबीना यहाँ पिछले ढाई सालो से पढ़ा रही है. शबीना के अनुसार स्कूल के प्राइमरी सेक्शन की हेडमिस्ट्रेस सविता नायर के कमान सँभालने के बाद सारी परेशानिया शुरू हुई. सविता ने सबसे पहले उन्हें बुर्का पहनकर आने से मना किया. फिर एक दिन पढ़ाते समय उन्होंने मुझे हिजाब निकालकर आने के लिए कहा.
शबीना ने बताया की पढ़ाने के मामले में मेरा रिकॉर्ड , स्कूल में काफी अच्छा था. पिछले चार सालो से मैं पढ़ा रही हूँ लेकीन कभी भी इस तरह की परिस्तिथि का सामना मुझे नही करना पड़ा. यहाँ के हायर सेकंड्री सेक्शन में पढने वाली काफी लडकिया हिजाब पहनकर आती है लेकिन कभी कोई समस्या नही हुई. अगर मैं पढ़ाने में अच्छी हूँ तो किसी को मेरी धार्मिक संस्कृति से क्या लेना देना?
जब एक एनजीओ जय हो को इसकी खबर मिली तो उन्होंने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर मामले की जांच करने की मांग की. अपने पत्र में उन्होंने लिखा की भारत एक सेक्युलर देश है. इस तरह की पाबन्दी से देश में सामाजिक सद्भाव और भाईचारे पर असर पड़ेगा.