अयोध्या । धर्म गुरु श्री श्री रविशंकर की अयोध्या विवाद को हल करने की कोशिशों को उस समय बड़ा झटका लगा जब विश्व हिंदू परिषद ने समझौता वार्ता में शामिल होने से इंकार कर दिया। हालाँकि श्री श्री ने अभी भी आस नही छोड़ी है इसलिए वह अन्य पक्षकारों से भी बात कर रहे है। इसी सिलसिले में वह बुधवार को यूपी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिले और उन्हें अपनी इच्छा से अवगत कराया।
अपने प्रयासों को गति देने के लिए श्री श्री आज अयोध्या पहुँचे। यहाँ उन्होंने कई पक्षकारों से मुलाक़ात की। इसमें निर्मोही अखाड़े के राजा रामचंद्राचार्य, हिंदू महासभा के चक्रपाणि, बीजेपी नेता विनय कटियार, इमाम काउंसिल के चेयरमेन इमरान हसन सिद्दीकी, कुरा काउंसिल के मौलाना कारी यूसुफ कुरैशी आदि लोग मौजूद रहे। जहाँ यह बैठक हुई वहाँ आज सुबह से ही मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ था।
लेकिन विश्व हिंदू परिषद ने इस बैठक में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया। वीएचपी प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा की वह श्री श्री के समझौता वार्ता में शामिल नही होंगे। माना जा रहा है की वीएचपी, श्री श्री के फ़ॉर्म्युला से सहमत नही है। श्री श्री उस जगह पर मंदिर और मस्जिद दोनो बनवाना चाहते है। लेकिन दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास इस बात से इत्तेफ़क नही रखते। उनका कहना है की विवादित जगह के 42 किलोमीटर रेडीयस के अंदर मस्जिद नही बनने देंगे।
हालाँकि अभी श्री श्री की तरफ से कोई भी फ़ॉर्म्युला सामने नही आया है। लेकिन सूत्रों के अनुसार वो चाहते है की जहाँ अभी मूर्ति रखी हुई है वहाँ मंदिर बन जाए और इसके साथ ही मस्जिद भी बना दी जाए। ख़ुद भाजपा सांसद विनय कटियार भी इस बात से सहमत नही दिखे। ऐसे में श्री श्री की पहल का कोई हल निकलता हुआ दिखाई नही दे रहा। कुछ पक्षकार उन पर आरोप भी लगा रहे है की यह केवल उनका पलिटिकल स्टंट है।