अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के चंद्रमा पर भारत के चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के मलबा तलाशने का दावा करने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चीफ के सिवन का बड़ा बयान आया है।
सिवन ने कहा है कि हमारे खुद के ऑर्बिटर ने सबसे पहले लैंडर विक्रम के मलबे को खोज निकाला था। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही इसकी घोषणा इसरो की वेबसाइट पर कर दी थी। आप बेवसाइट पर जाकर इसे देख भी सकते हैं।
आपको बता दें कि नासा ने अपने लूनर रिकॉनसन्स ऑर्बिटर (एलआरओ) से ली गई तस्वीरें साझा की थीं। इसमें विक्रम के टकराने की जगह और बिखरा हुआ मलबा दिखाया है। लैंडर के हिस्से कई किलोमीटर तक लगभग दो दर्जन स्थानों पर बिखरे हुए हैं। तस्वीर में हरें रंग की बिंदुओं से विक्रम लैंडर का मलबा रेखांकित किया है।
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chief K Sivan on NASA finding Vikram Lander: Our own orbiter had located Vikram Lander, we had already declared that on our website, you can go back and see. (3.12.19) pic.twitter.com/zzyQWCDUIm
— ANI (@ANI) December 4, 2019
वहीं नीले रंग की बिंदुओं से चांद की सतह में क्रैश के बाद आए फर्क को दिखाया है। ‘एस’ अक्षर के जरिये लैंडर के मलबे को दिखाया गया है। इसकी पहचान भारतीय कंप्यूटर प्रोग्रामर और मैकेनिकल इंजीनियर शनमुग सुब्रमण्यम उर्फ शान ने की है। नासा ने इसके लिए शान का धन्यवाद दिया।
हालांकि सु्ब्रमण्यम ने बहुत कम साधनों की मदद से यह कारनामा कर दिखाया। मंदिरों के शहर मदुरै के इस निवासी ने कहा कि विक्रम के गिरने की जगह का पता लगाने के लिए उन्होंने दो लैपटॉप का इस्तेमाल किया। इसकी मदद से उन्होंने उपग्रह द्वारा भेजी गई पहले और बाद की तस्वीरों का मिलान किया। वह हर दिन एक शीर्ष आईटी फर्म में काम करने के बाद लौटने पर रात 10 बजे से दो बजे तक और फिर ऑफिस जाने से पहले सुबह आठ बजे से 10 बजे तक आंकड़ों का विश्लेषण करते उन्होंने करीब दो महीने तक इस तरह आंकड़ों का विश्लेषण किया।