नई दिल्ली: जेएनयू में ‘राष्ट्र-विरोधी’ नारे लगाने के आरोपी छात्रों में शामिल उमर खालिद की बहन ने आज उसे भारत का ‘सच्चा सपूत ’ बताते हुए कहा कि खालिद के खिलाफ लगे आरोप ‘मनगढ़ंत एवं झूठे’ हैं और घटना ने उसके परिवार के लोगों की जिंदगी से सुख-शांति ‘छीन’ ली है.
अमेरिका में पीएचडी की पढ़ाई कर रही मरियम फातिमा ने मीडिया के एक धड़े को उमर के खिलाफ ‘ट्रायल’ चलाने के लिए भी निशाने पर लेते हुए कहा कि मीडिया एक ‘हिंसक भीड़’ का माहौल तैयार कर रही है. उमर पर गत नौ फरवरी को जेएनयू परिसर में हुए उस कार्यक्रम के आयोजन का आरोप है जिसमें कथित रूप से संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ प्रदर्शन किया गया था.
अति वामपंथी छात्र संगठन डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन का पूर्व सदस्य उमर जेएनयू विवाद शुरू होने के बाद से लापता है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
फातिमा ने ईमेल पर कहा, ‘‘अधिकतर चैनल गलत सूचना के आधार पर मीडिया ट्रायल चला रहे हैं. उन्होंने पहले दावा किया कि आईबी की रिपोर्ट में उमर के जैश-ए-मोहम्मद से संबंधों की बात कही गयी है. आईबी ने इसका खंडन किया. लेकिन यह कहानी अब भी प्रचारित की जा रही है. इन सब से हिंसक भीड़ के माहौल को बल मिला है.’’
उसने कहा कि उमर वंचितों के अधिकारों के लिए सक्रियता से अभियान चलाता रहा है और आरोप लगाया कि जेएनयू में विवादित आयोजन में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने भारत विरोधी नारेबाजी की थी. (ABP)