गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामले में गवाहों का अपने बयान से पलटने का सिलसिला रुकने के नाम नहीं ले रहा है.
15 दिन के बाद सोमवार को दोबारा शुरू हुई सुनवाई के दौरान दो गवाह अपने दिए हुए बयानों से मुकर गए. इस तरह बयान से मुकरने वाले गवाहों की संख्या अब कुल 35 पर पहुंच गई है. ध्यान रहे इन दोनों गवाहों ने पंचनामा भरा था. सोहराबुद्दीन के कथित एनकाउंटर के बाद उससे बरामद हुए सामान को जब्त करने बारे मे बयान दिए थे.
2010 में सीबीआई को दिए गए अपने बयान में इन दोनों ने कहा था कि 26 नवंबर 2005 को दोनों अहमदाबाद के मंदिर गए थे और वहां से लौटते वक्त उन्हें गुजरात एटीएस के ऑफिस के पास रोका गया. उन्हें बताया गया कि एक आदमी की लाश पोस्टमॉर्टम के लिए भेजी गई थी और उसे साथ कुछ चीजें बरामद हुईं हैं. इनको बरामद करने के लिए दोनों की उपस्थिति अनिवार्य है.
इन दोनों ने बताया कि जो चीजें सीज की जानी थीं उनमें सात जिंदा कारतूस थे, जिनमें हर एक की कीमत 100 रुपये थी. इसके अलावा 500 रुपये के 92 नोट (46,000 रुपये), 5000 रुपये की कीमत का एक नेकलेस, सूरत से अहमदाबाद का एक रेलवे टिकट, दो विजिटिंग कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस और एक मोबाइल फोन थे.
सुनवाई के दौरान दो गवाहों में से एक ने कहा कि वे सिर्फ इनमें से केवल ट्रेन टिकट को पहचानता है, वहीं दूसरे ने कहा कि वह ट्रेन टिकट को पहचानता है और दिखाई गई चेन भी वैसी ही लग रही है, जैसी 2005 में उसे दिखाई गई थी. इन दोनों ने ही कोर्ट में मौजूद आरोपी पुलिसकर्मी एनएच ढाबी को पहचानने से इनकार कर दिया.
एक गवाह ने यह भी कहा कि उसे मृतक का नाम नहीं बताया गया था. उसने यह भी कहा कि उसे याद नहीं कि उसे इनमें से कोई सामान दिखाया गया था.