भीमा-कोरेगांव में दलितों के खिलाफ हिंसा में दो हिन्दू नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज

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पुणे के निकट भीमा-कोरेगांव में सोमवार को शोर्य दिवस मना रहे दलितों पर भगवा कार्यकर्ताओं के हमले के बाद पुरे राज्य में फैली हिंसा के बाद इस मामले में अब महाराष्ट्र सरकार ने दो हिन्दू नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को दो हिंदुत्ववादी नेताओं, समस्त हिंदू अगाड़ी के मिलिंद एकबोटे और शिव प्रतिष्ठित हिंदुस्तान के संभाजी भिंड के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया. भिडे (85) सांगली के निवासी हैं, जबकि एकबोटे (60) पुणे में रहते हैं.

मंगलवार को, दलित नेता और भारतीय रिपब्लिकन पार्टी बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश अम्बेडकर सहित कई नेताओं ने हिंसा को बढ़ावा देने और साजिश रचने के लिए इन दोनों पर आरोप लगाया था, जिसके चलते 30 साल के एक व्यक्ति की मौत हुई थी.

पिंपरी पुलिस स्टेशन में भिडे, एकबोटे और उनके समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. ये शिकायत बहुजन रिपब्लिकन सोशलिस्ट पार्टी के एक सदस्य सामाजिक कार्यकर्ता अनीता रविंद्र साल्वे (39) की और से दर्ज कराई गई है.

शिकायत में साल्वे ने दावा किया कि जब वह और एक दोस्त सोमवार को भीम कोरेगांव के पास सानस्वाडी पहुंचे तो कुछ लोगों ने उनके झंडे को छीन लिया और उन्हें जला दिया, और उन पर हमला भी किया गया.  उन्होंने बताया,  “मैंने देखा है कि अभियुक्त (भिडे और एकबोटे और उनके समर्थक) यह सब कर रहे थे … पत्थरों फेंक कर पुलिस पर भी हमला किया जा रहा था.”

इन दोनों पर भारतीय दंड संहिता के हत्या, दंगे और अत्याचार अधिनियम की रोकथाम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि एकबोटे ने कोरेगांव भीम में हिंसा की निंदा की और दावा किया कि उनके खिलाफ मामला पूरी तरह गलत है. उन्होंने कहा कि लोगों को “जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए गुमराह किया जा रहा था.”

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