अरुणाचल प्रदेश के सबसे बड़े हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में हुए 450 करोड़ के घोटालें में गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू की संलिप्तता को सामने लाने वाले चीफ विजिलेंस अफसर सतीश वर्मा का ट्रांसफर कर दिया गया है.
चीफ विजिलेंस अफसर सतीश वर्मा ने अपनी जांच में इस घोटाले का मास्टरमाइंड रिजिजू के भाई को बताया हैं. साथ ही उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया हैं कि घोटालेबाजों को जल्दी से पेमेंट कराने के लिए रिजिजू ने पावर मिनिस्टर पीयूष गोयल को लेटर लिखा था. रिजिजू ने पावर मिनिस्ट्री को गोबोई को फंड रिलीज करने के लिए लेटर लिखा था.
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की और से जारी ऑडियो में गोबोई रिजिजू और नीपको मुख्य सतर्कता अधिकारी सतीश वर्मा के बीच हुई बातचीत रिजिजू के गोबोई से संबंधों को उजागर करती है. दिसंबर 2015 में 29 मिनट हुई बातचीच में गोबोई ने 17 बार किरण रिजिजू को ‘भईया’ कहकर बुलाया है. इसमें भगुतान को लेकर ये बातचीत की गई है. वर्मा ने अपनी रिपोर्ट के साथ इस ऑडियो क्लीप को अटैच किया है.
बातचीत के दौरान गोबोई ने साफ कहा कि मैं किरण रिजिजू का भाई हूं. गोबोई ने किरण रिजिजू का नाम लेकर नीपको कंपनी से भुगतान करने को कहा. बातचीच के दौरान कहा गया कि काम कर रहे ठेकेदारों के 30 से 1 करोड़ तक का भुगतान बाकी है. गोबोई ने कहा कि सब लोग भईया से मिलने के लिए दिल्ली भी गए. 15-20 काम भी बंद किया गया, जिसे किरण रिजिजू के कहने पर फिर से शुरू किया गया. बातचीत के दौरान गोबोई ने वर्मा से ये भी कहा कि अगर प्रमोशन में भईया की कोई भी मदद चाहिए तो हमसे बोलिए.