हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से ही कश्मीर घाटी हिंसा की आग में जल रही हैं. इस हिंसा को लेकर पूर्व रॉ प्रमुख ए एस दुलत का कहना है कि घाटी में इतने बुरे हालात कभी नहीं हुए थे.
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से शुक्रवार शाम आयोजित कश्मीर को लेकर एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ‘कश्मीर की स्थिति इतनी खराब कभी नजर नहीं आई थी.’ दुलत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कश्मीर समस्या का हल खोजने के मौके गवानें की भी बात कही.
दुलत ने कहा, ‘कश्मीरियों को भारत-पाकिस्तान के सौहार्दपूर्ण रिश्ते से ज्यादा किसी अन्य चीज से उम्मीद नहीं मिलती है. पाकिस्तान ने हर बार अलगाववादियों को साथ लाने की नाकाम कोशिश की. लेकिन अब अलगाववादी साथ आ रहे हैं. ऐसा हो गया, क्योंकि दिल्ली के पास इसके लिए समय नहीं है.’
नोटबंदी के कारण घाटी में पथराव की घटना बंद होने वाले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बयान पर दुलत ने कहा कि पथराव की घटना नोटबंदी से पहले ही बंद हो चुकी है. आतंकवाद और नकली मुद्रा के बीच संबंध हैं, लेकिन इसे कुछ बढ़ाया-चढ़ाया गया है.’