नई दिल्ली | न्यूज़ वेबसाइट ‘द वायर’ ने एक और चौकाने वाला खुलासा करते हुए दावा किया है की राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के बेटे की संस्था में कई बड़े केन्द्रीय मंत्री निदेशक पद पर है. यही नही वेबसाइट का यह भी दावा है की 2014 से पहले यह संस्था महज एक संगठन के तौर पर कार्य कर रहा था लेकिन केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद इस संस्था ने जबरदस्त तरक्की की है.
‘द वायर’ के अनुसार NSA अजीत डोवाल के पुत्र शौर्य डोवाल इंडिया फाउंडेशन नामक एक संस्था चलाते है. यह संस्था 2009 से काम कर रही है. शुरुआत में यह केरल में कट्टरवादी इस्लाम और आदिवासियों के जबरन धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दों पर कुछ ग्राफिक्स बनाता था लेकिन मोदी सरकार बनने के बाद संस्था की गतिविधियों में तेजी आई और इसके राजस्व में अप्रत्याशित तौर पर वृद्धि देखी गयी.
हैरान कर देने वाली बात यह है की इंडिया फाउंडेशन के निदेशक मंडल में कई केन्द्रीय मंत्री शामिल है. इनमे निर्मला सीतारमण, सुरेश प्रभु, जयंत सिन्हा और एमजे अकबर जैसे बड़े नाम शामिल है. रिपोर्ट में दावा किया गया है की यह संस्था फ़िलहाल देश का सबसे प्रभावशाली थिंक टैंक है जो उधोगपतियो को ऐसा मंच उपलब्ध कराता है जहाँ बड़े बड़े उधोगपति , केन्द्रीय मंत्री और अफसरों से मिलते है और सरकारी नीतियों पर चर्चा करते है.
जबकि संस्था के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शौर्य डोवाल खुद वित्तीय संस्था जेमिनी फायनेंशियल सर्विसेस नाम की फर्म चलाते हैं, जिसका काम एशियाई देशो और अन्य देशो की अर्थव्यवस्था के बीच लेनदेन कराना है. अगर दुसरे शब्दों में कहा जाए तो यह संस्था दो देशो के बीच दलाली का काम करती है. ऐसे में इंडिया फाउंडेशन के साथ कई केन्द्रीय मंत्रियो का जुड़ना कई सवाल भी खड़े करता है.
देश के निति निर्धारको का इस तरह उधोगपतियो के साथ सरकारी नीतियों पर चर्चा करना सही नही है. क्योकि यही कारोबारी संस्था को आर्थिक रूप से मदद करते है जिसके बदले में ये सरकार से अपनी मन मर्जी का काम करवा सकते है. यह साफ तौर पर हितो का टकराव का मामला है. यही नही चूँकि यह एक ट्रस्ट है इसलिए इसको अपनी बैलेंस शीट भी सार्वजानिक करने की जरुरत नही है. द वायर का दावा है की उन्होंने सभी मंत्रियो को पत्र लिखकर कुछ सवालो के जवाब मांगे थे लेकिन उन्होंने अभी तक किसी भी सवाल का जवाब नही दिया है.