सरकार मुसलमानों के पर्सनल कानूनों में अड़चन डाल रही: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

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कोलकाता: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक को खत्म करने और समान नागरिक संहिता को लागू करने के केंद्र के किसी भी प्रयास का जोरदार विरोध करेगा. बोर्ड ने तीन तलाक के मुद्दों पर गौर करने के लिए एक महिला इकाई के गठन के फैसले के साथ तीन तलाक के पक्ष में एक प्रस्ताव भी पारित किया है.

रविवार से शुरू हुए तीन दिवसीय सम्मेलन में तृणमूल सांसद मोहम्मद सुल्तान ने कहा कि तीन तलाक के चलन को बरकरार रखने पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है. इसे खत्म करने के केंद्र सरकार के किसी भी प्रयास का जोरदार विरोध किया जाएगा. प्रस्ताव में कहा गया कि सरकार मुसलमानों के पर्सनल कानूनों में अड़चन डाल रही है.

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बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने सम्मेलन के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महिला इकाई पारिवारिक विवाद और शिक्षा जैसे मुद्दों से भी निपटेगी. अखिल भारतीय मुस्लिम महिला हेल्पलाइन भी शुरू करने का फैसला किया गया है. इसके लिए टोल फ्री कॉल सेंटर बनाया जाएगा, जिसमें उर्दू, अंग्रेजी और 8 क्षेत्रीय भाषाओं में पारिवारिक विवादों में दारुल कजा जाने वाली मुस्लिम महिलाओं को परामर्श दिया जाएगा.

बोर्ड के सदस्य कमाल फारुखी ने कहा, ‘पहली बार यह फैसला किया गया है कि हम मुस्लिम महिलाओं से जुड़े मुद्दों के लिए एक महिला इकाई और एक अखिल भारतीय मुस्लिम महिला हेल्पलाइन शुरू करेंगे. ’

पश्चिम बंगाल के जन शिक्षा मंत्री सिद्दिकुल्ला चौधरी ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता का विरोध किया है. चौधरी ने आगे कहा कि कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने एक खत भेजकर समान नागरिक संहिता पर राज्य सरकार की राय मांगी गयी थी। इसके जवाब में केंद्र सरकार को बता दिया गया है कि बंगाल राज्य में कभी भी समान नागरिक संहिता लागू नहीं करेगा.’

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