दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के और नकाब पर पाबंदी लगाने की मांग करने वाली याचिका सुनवाई करने से इनकार करते हुए खारिज कर दिया हैं. साथ ही टिप्पणी करते हुए कहा कि यह जनहित का मामला नहीं है.
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता धींगरा सहगल की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा ‘अगर यह नीतिगत निर्णय है तो इस बारे में सरकार विचार करेगी. हम अनुच्छेद 226 (कुछ रिट जारी करने के उच्च न्यायालय के अधिकार) के तहत इस (जनहित याचिका) पर कैसे सुनवाई कर सकते हैं. पीठ ने कहा ‘इस रिट याचिका में हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते. इसे खारिज किया जाता है. यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिस पर यह अदालत अनुच्छेद के तहत विचार करे। यह जनहित का मामला नहीं है.
याचिकाकर्ता सरदार रवि रंजन सिंह ने अदालत से आग्रह किया था कि राजधानी में सार्वजनिक स्थलों जैसे परिवहन, सरकारी इमारतों और विरासत स्थलों पर बुर्का, हेलमेट इत्यादि के पहनकर जाने पर रोक लगाई जाए.
उन्होंने याचिका में आरोप लगाया था कि चेहरे और पूरे शरीर को ढकने वाले आवरण का उपयोग सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा है और नागरिकों को खतरे तथा डर की स्थिति में डालता है जो कि संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन एवं निजी छूट की सुरक्षा) का उल्लंघन है.