केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले की नोबेल से सम्मानित पॉल क्रुगमैन ने आलोचना करते हुए कहा कि यह काफी बाधा पैदा करने वाला फैसला हैं. इससे लोगों के बर्ताव में कोई बदलाव नहीं आएगा, बल्कि वो मनी लांड्रिंग के लिए अधिक सावधानी बरतेंगे और बेहतर तरीके निकालेंगे.
क्रुगमैन ने आगे कहा कि इसका सिर्फ एक शब्द में विश्लेषण किया जा सकता है- असामान्य. ऐसा लगता है कि यह गैर-कानूनी नकदी की समस्या से निपटने के लिए उठाया गया अत्यधिक विनाशकारी कदम है. यह स्पष्ट नहीं है कि लंबे समय में इससे क्या खास फायदा होगा.
एचटी लीडरशिप समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह असामान्य कदम है और ऊंचे मूल्य के नोटों को बंद करने की अच्छी वजह है. उन्होंने कहा कि 2,000 रुपये का नोट जारी करना एक खराब कदम नहीं है बल्कि यह जमाखोरों को रोकने का प्रयास है.
उन्होंने आगे बताया कि एक साल बाद भी चीजें वहीं की वहीं रहेंगी, क्योंकि काला धन रखने वाले लोग कोई न कोई तरीका निकाल लेंगे. उन्होंने साफतौर पर कहा कि इस पहल से काला धन रखने वाले सतर्क हो जाएंगे और वे भविष्य में अपने धन को बेहतर और बारीक तरीके से ठिकाने लगाएंगे. यह समस्या कहीं अधिक गहरी है और इसका इलाज भी काफी मुश्किल है.