नई दिल्ली, 15 जनवरी। ऑल इंडिया तंज़ीम उलामा ए इस्लाम सऊदी अरब के पवित्र मस्जिदों के राजनीतितरण के विरोध में 16 जनवरी मंगलवार ग़ालिब अकादमी हज़रत निजामुद्दीन दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगी जिसमें इस बात पर चर्चा की जाएगी कि मक्का और मदीना की पवित्र मस्जिदों को सियासी टूल के तौर पर सऊदी अरब के दुरुपयोग को कैसे रोका जाए।
संगठन के संस्थापक अध्यक्ष मुफ़्ती अशफ़ाक़ हुसैन क़ादरी ने बताया कि भारत के मुसलमान मक्का और मदीना के पवित्र स्थलों के घरेलु और कूटनीतिक दुरुपयोग के विरोध में हैं। ‘मुस्लिम पवित्र स्थलों पर सऊदी अरब की राजनीतिकरण को समाप्त करने के वैश्विक आंदोलन’ के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे विचारक इस बात पर मनन करेंगे कि कैसे अलसऊद परिवार ने मुस्लिम समुदाय के पवित्र स्थलों का निजी सम्पत्ति के तौर पर इस्तेमाल किया है। उन्होंने कई मुस्लिम देशों और समूहो पर हज के दौरान अपनी रस्मों को अदा करने पर प्रतिबंध लगा दिए हैं जबकि धार्मिक दायित्व के तौर पर ऐसा करना इस्लामी और अन्तरराष्ट्रीय क़ानूनों के तहत ग़ैर क़ानूनी है। सऊदी अरब ने अपनी पसंद के सलफ़ी तरीक़े को स्थापित करने के लिए मुतावा (धार्मिक पुलिस) को नियुक्त कर रखा है।
कार्यक्रम के आयोजक और मुख्य वक्ता मुफ़्ती अशफ़ाक़ हुसैन क़ादरी सऊदी तानाशाह परिवार द्वारा हज को मुस्लिम देशों और समूहों के विरुद्ध सियासी हथियार बनाए जाने के विरोध मे बोलेंगे। दिल्ली के दरबार अहले सुन्नत के नेता सैयद जावेद नक़्शबंदी हज या धार्मिक क्रिया अदा किए जाने की छूट के अन्तरराष्ट्रीय विधि का हवाला देते हुए इस्लाम की इस मुद्दे पर राय को इंगित करेंगे। मशहूर चिंतक और विद्वान शाहिद प्रधान भारत में मुस्लिमों की स्थिति और सऊदी अरब की तरफ़ से पैदा की गई चुनौतियों पर प्रकाश डालेंगे।
क़रीब 300 लोगों की उपलब्धता में अधिकांश भाग विद्वतजनों का होगा। इसी कार्यक्रम में इसी मुद्दे पर प्रदर्शन की तारीख़ का भी ऐलान होगा।