तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और देश की ताकतवर महिला राजनेताओं में शुमार जे. जयललिता का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में सोमवार रात निधन हो गया. 68 साल की जयललिता 22 सितंबर से अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं, रविवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद आईसीयू में भर्ती कराया गया था.
यललिता के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए राजाजी हॉल में रखा गया है और बड़ी संख्या में उनके समर्थक अंतिम दर्शन के लिए जुट रहे हैं. तमिलनाडु सरकार ने जयललिता के सम्मान में छह दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया. तमिलनाडु सरकार ने 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है और स्कूलों, कॉलेजों में 3 दिन छुट्टी रहेगी.
जयललिता की पसंदीदा हरे रंग की साड़ी में लिपटा हुआ उनका पार्थिव शरीर शीशे के बक्से में रखा गया है. यह बक्सा राजाजी हॉल की सीढ़ियों पर रखा गया है और सेना के चार जवानों ने उसे राष्ट्रीय ध्वज से ढक दिया है. राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम और उनके सहयोगी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, सांसदों, विधायकों तथा राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने दिवंगत मुख्यमंत्री को सबसे पहले श्रद्धांजलि दी.
जयललिता ने छह महीने से कुछ पहले हुए राज्य विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी. अभिनेत्री से नेता बनीं जयललिता 1980 के दशक की शुरुआत में अन्नाद्रमुक की प्रचार सचिव नियुक्त हुईं और एमजीआर सरकार में उन्हें मिडडे मील योजना का प्रभारी बनाया गया. उन्होंने बाद में अपने मार्गदर्शक दिवंगत एमजीआर की विरासत को संभाला.