नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बच्ची से रे+प और ह+त्या के मामले में अहम फैसला सुनाते हुए आरोपियों की CBI जांच की मांग को ठुकरा दिया है। दरअसल, मामले के एक आरोपी ने पहले की गयी जांच को दुर्भावना से प्रेरित बताते फिर से जांच की मांग की थी।
इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर पुलिस जांच में कोई कमी थी तो उसे निचली अदालत में ही उठाया जाना चाहिए था।न्यायालय ने कहा कि कठुआ मामले में जांच के दुर्भावना से प्रेरित होने के आरोपों को आरोपी मामले में चल रहे मुकदमे के दौरान उठा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता में प्रवेश का नाम भी हटा दिया है क्योंकि वो नाबालिग है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी संजीलाल और उसके बेटे की याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई थी।
Kathua rape and murder case: Supreme Court today dismissed the petition filed by accused seeking CBI investigation in the case.
— ANI (@ANI) October 5, 2018
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल को कठुआ से पंजाब के पठानकोट में ट्रांसफर किया था। इस मामले में 30 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान की कार्रवाई बंद कर दी थी और कहा था कि वो ट्रायल की निगरानी नहीं करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि आरोपियों को कठुआ जेल से गुरदासपुर जेल ट्रांसफर किया जाए, क्योंकि ट्रायल के दौरान लाने ले जाने में वक्त लगता है। जम्मू-कश्मीर पुलिस मामले की सप्लीमेंट्री चार्जशीट 8 हफ्ते में दाखिल करेगी. ट्रायल जज कोर्ट रूम को ट्रायल इन कैमरा होगा, संबंधित वकील, आरोपी व सुरक्षाकर्मी व केस से जुड़े लोग ही कोर्टरूम में जाएंगे।
कोर्ट ने ट्रायल पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस की जांच में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।