नई दिल्ली | बुधवार को देश की सबसे सर्वोच्च अदालत ने बाल विवाह के मामले में बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा की नाबालिग पत्नी से बनाया गया शारीरिक सम्बन्ध रेप माना जाएगा. कोर्ट ने IPC की धारा 375(2) को असंवैधानिक करार देते हुए इसे खत्म करने का आदेश दिया. उल्लेखनीय है की धारा 375(2) के अनुसार नाबालिग पत्नी के साथ किया गया सेक्स, रेप की श्रेणी में नही माना जाता.
बाल विवाह और शादी के बाद नाबालिग के यौन शोषण के मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. हालाँकि केंद्र सरकार की और से धारा 375(2) के पक्ष में काफी दलीले दी गयी लेकिन अंत में कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया. केंद्र सरकार का कहना था की कोर्ट को यह धारा रद्द नही करनी चाहिए और संसद को इस पर विचार करने के लिए एक तय समय सीमा देनी चाहिए.
केंद्र ने बाल विवाह को सामाजिक सच्चाई बताते हुए कोर्ट में कहा की कानून बनाने का काम संसद का है इसलिए कोर्ट इसमें दखल न दे. हालाँकि कोर्ट ने केंद्र की सभी दलीलों को दरनिकार करते हुए धारा 375(2) को रद्द करने का आदेश दे दिया. अपने फैसले में कोर्ट ने कहा की कानून में बाल विवाह को अपराध माना गया है उसके बावजूद लोग बाल विवाह करते हैं. यह मैरेज नहीं मिराज है. इस मामले में हमारे पास तीन विकल्प है.
पहला विकल्प बताते हुए कोर्ट ने कहा की हम इस अपवाद को हटा दें जिसका मतलब है कि बाल विवाह के मामले में 15 से 18 साल की लड़की के साथ अगर उसका पति संबंध बनाता है तो उसे रेप माना जाए. दूसरा यह है कि इस मामले में पॉक्सो एक्ट लागू किया जाए. तीसरा विकल्प है कि इसमें कुछ न किया जाए और इसे अपवाद माना जाए, जिसका मतलब है कि बाल विवाह के मामले में 15 से 18 साल की लड़की के साथ अगर उसका पति संबंध बनाए तो रेप नहीं माना जाएगा.
अंत में कोर्ट ने पहले विकल्प को फैसले के तौर पर लेते हुए कहा की बाल विवाह के मामले में 15 से 18 साल की लड़की के साथ सेक्स करने को रेप माना जाएगा. इसके लिए लड़की को शादी के एक साल के अन्दर मामला दर्ज कराना होगा. इसके बाद आरोपी के खिलाफ रेप की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जायेगा. बताते चले की आईपीसी के अनुसार देश में बाल विवाह गैर क़ानूनी है लेकिन हिन्दू मैरिज एक्ट के अनुसार 15 साल से 18 साल के बीच किया गया विवाह वैध माना जाता है.
Sexual intercourse with wife below 18-years to be considered rape, says Supreme Court. pic.twitter.com/ElivwbTBmr
— ANI (@ANI) October 11, 2017