नई दिल्ली | नोटबंदी पर मोदी सरकार की मुश्किलें कम होती नजर नही आ रही है. बैंकों के सामने लम्बी होती कतारे, संसद में विपक्ष का हमलावर रुख , सरकार के माथे पर बल पैदा करने के लिए काफी था. ऐसे में अदालत की और से भी सरकार को राहत मिलती नही दिख रही है. शुक्रवार को कोलकाता हाई कोर्ट के बाद ,देश की सर्वोच्च अदालत ने भी मोदी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा की देश में फ़िलहाल ऐसी स्थिति है की अगर उनको अदालत आने से रोका जाता है तो सडको पर दंगे भी हो सकते है. जमीनी हकीकत के बारे में बताते हुए चीफ जस्टिस ने कहा की देश भर की अदालतों में लोग गुहार लेकर आ रहे है जो यह दर्शाता है की स्थिति नियंत्रण में नही है बल्कि काफी गंभीर है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की यह दलील की देश भर की सभी अदालतों में नोट बंदी पर चल रही कार्यवाही पर रोक लगाई जाए, को ख़ारिज करते हुए कहा की हम लोगो को अपनी फरियाद लेकर हमारे पास आ रहे है , हम अपने दरवाजे बंद नही कर सकते. अगर हम ऐसा करते है तो देश में दंगे भी हो सकते है.
चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता में दो सदसीय पीठ ने कहा की लोग धन के लिए व्याकुल है. वो संयम के साथ लाइन में लगे हुए है. घंटो लाइन में लगने की हिम्मत दिखा रहे है. अगर इस मामले में देश भर के अन्दर याचिकाए दाखिल हो रही है तो यह सब साबित करता है की समस्या कितनी बड़ी और गंभीर है. जनता इससे प्रभावित हो रही है.
कोर्ट के इस रूक पर अटोर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा की हम लगातार प्रयास कर रहे है. अब बैंकों के सामने लाइन छोटी हो रही है, अगर आप चाहे तो लंच में खुद चलके देख सकते है. जब अदालत ने मुकुल रोहतगी से पुछा की आप इससे अलग राय रखते है की लोगो को परेशानी का सामना नही करना पड़ रहा, तो मुकुल रोहतगी ने कहा की मैं इस बात से सहमत हूँ.