नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और झारखंड के पाकुड़ जिले में सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर हाल ही में हुए हमलों की सीबीआई की जांच का आदेश देने से सोमवार को इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पुलिस पहले से ही इस मामले की जांच कर रही है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में हाई कोर्ट जाने की छूट दी है।
स्वामी अग्निवेश ने अपने आरोप में कहा था कि झारखंड पुलिस मामले की जांच ठीक से नहीं कर रही है। यही नहीं उन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि राज्य के एक कैबिनेट मंत्री ने उन्हें फ्रॉड करार दिया है। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह अपनी सुरक्षा के लिए सक्षम अधिकारी को ज्ञापन दे सकते हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘हम यह नहीं कह रहे हैं कि जो आपके साथ हुआ वह सही या गलत है। परंतु राज्य पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। हम सीबीआई जांच का आदेश नहीं दे सकते।’’
सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई को पाकुड़ और 18 अगस्त को दिल्ली में हुए हमला मामले में दर्ज एफआईआर को जोड़ने से भी इनकार कर दिया। कोर्ट का कहना है कि दोनों घटनाएं अलग-अलग हैं ऐसे में उन्हें एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता।
गौरतलब है कि 17 जुलाई को पाकुड़ में स्वामी अग्निवेश लिट्टीपाड़ा में 195वां दामिन महोत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे थे। लेकिन उन्हें कार्यक्रम स्थल पर जाने से रोका गया और उनकी पिटाई भी की गई थी। स्वामी अग्निवेश का आरोप है कि पाकुड़ और दिल्ली में भाजपा के सदस्यों ने उन पर हमला किया था।