जज लोया की मौत को सुप्रीम कोर्ट ने माना गंभीर मामला, सभी दस्तावेज पेश करने का दिया आदेश

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सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ केस की सुनवाई करने वाले सीबीआई जज लोया की संदेहास्पद मौत के मामले में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले से जुडी सुनवाई अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही होगी. यानि अब किसी भी हाईकोर्ट में जज लोया से जुड़े मामले की सुनवाई नहीं होगी.

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा समेत तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि यह मामला गंभीर है और हम सारे कागजात देखेंगे. सारे पक्षकार कोर्ट के सामने सारे दस्तावेज सील बंद कवर में दाखिल करें. अब इस मामले की सुनवाई 2 फरवरी से होगी.

वहीँ सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है. इसमें सभी दस्तावेजों को हमें देखना होगा. इस मामले में सभी तरह के दस्तावेजों जैसे RTI आदि को एक जगह करके कोर्ट को दिए जाएं. एक जज की मौत हुई है और उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. न्यूज पेपर में कई बार मौत को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं. ऐसे में न्यूज पेपर में जो छपा है हम इस पर नहीं जाएंगे, बल्कि दस्तावेज क्या कहते है इस पर जाएंगे.

ज्ञात हो कि जज लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में हुई थी, जिसकी वजह दिल का दौरा पड़ना बताया गया था. वे नागपुर अपनी सहयोगी जज स्वप्ना जोशी की बेटी की शादी में गए हुए थे. उस समय वे गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे.

जस्टिस लोया की मौत के बाद सोहराबुद्दीन फर्ज़ी इनकाउंटर के केस को जस्टिस एम.बी. गोसावी के सूपुर्द कर दिया गया. जिन्होंने 15 दिनों के अंदर पूरे मामले की सुनवाई करते हुए 75 पन्ने का 30 दिसंबर 2014 को ऑर्डर जारी कर दिया. इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष “अमित शाह” को क्लीनचिट दे कर उनको आरोपों से मुक्त कर दिया.

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