केरल में बाढ़ के बाद यहाँ का जन-जीवन काफी प्रभवित हुआ है. एक ओर जहाँ बाढ़ ने हज़ारों लोगों को घर छीन लिए तो दूसरी और इस बाढ़ ने केरल को दूषित करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है. अब यहाँ इतनी गंदगी है कि लोगों को यहाँ भयंकर बिमारी और महामारी डर सताने लगा है. केरल के सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की हालत ऐसी की वहां को सफाई करना तो दूर पैर रखना भी पसंद ना करे लेकिन अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रसाशन और छात्रों ने वो कर दिखाया जो शायद कोई करोड़ों रूपए लेकर भी नहीं कर सकता है. एएमयू ने यह सराहनीय काम करते केरल में आई बाढ़ के इतिहास में सुनहरे लफ़्ज़ों में नाम डॉ कर लिया है.
पेश है एएमयू से अफज़ल केटी की ख़ास रिपोर्ट :
मुझे आशा है कि ये कुछ तस्वीरें यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि उनके द्वारा काम को कितना व्यस्त किया गया था. मुझे पता है कि मैंने उनसे धन्यवाद कहा कि यह कृतज्ञ होगा. जब मैं कोट्टयम के बोर्डर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में से एक वैककोम पर जाने की योजना बना रहा था और एलीपी मुझे शाहिद सर और साद सर से फोन आया. उन्होंने मुझसे सिर्फ एक सवाल पूछा, मैं आपकी मदद कैसे कर सकता हूं. मैंने उनसे कहा कि मैं एक शरणार्थी शिविर के रास्ते पर हूं, मैं आपको लौटने के बाद कॉल करूंगा.
इसके बाद वैककोम से लौटने के बाद मैंने उन दोनों को बुलाया और उन्हें मेरी दूसरी यात्रा के बारे में सूचित किया. शाहिद सर और साद सर जैसे कई लोगों की मदद से हम सब्जियों, किराने का सामान और अन्य वस्तुओं के 400 किट वितरित करने में कामयाब रहे. फिर से अलेपी के रास्ते पर शाहिद भाई ने मुझे बुलाया और बताया कि लगभग 30 छात्र और हमारे केंद्र के कुछ कर्मचारी प्रभावित क्षेत्रों में कुछ सफाई कार्य करना चाहते हैं. मैंने स्वीकार किया कि बहुत खुशी के साथ उसकी कॉल सही समय पर थी. हम अलुवा के पास कलमासेरी में काम की सफाई के लिए योजना बना रहे थे.
कल सुबह 5 बजे हमने वहां की यात्रा शुरू की. हम कुल 52 सदस्य थे जिनमें हमारे एएमयू परिसर से 23 शामिल थे. हमने पानी की बंदूक, रबड़ टोकरी, किराए पर मोप्स जैसे उपकरणों को लिया. ताकि वहां अच्छे से साफ़ सफाई हो सके. मुझे यह ज्ञात था की छात्र प्रभावित ईलाकों का दौरा सिर्फ बाढ़ की स्थिति देस्खने के लिए कर रहे है और वे वहां और सेवाएं नहीं कर सकते थे. लेकिन मेरी सभी उम्मीदें पानी-पानी हो गयीं. मुझे नहीं पता कि मैं वहां दी गई सेवाओं को कैसे समझा सकता हूं. शाहिद भाई और अजमत भाई के नेतृत्व में हमारे छात्रों ने वो कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी.
इस खूबसूरत पहल का नेतृत्व एएमयू के शिक्षक मोहम्मद अबू शाहिद, डॉ. अज़मत अली और लाइब्रेरियन अफज़ल केटी ने किया. साथ ही एएमयू के कई छात्र भी शामिल रहे जिन्होंने कोचीन में कलमसेर्री के घरों और कॉलोनियों को साफ़ किया. इसमें आमिर सुहैल, आदिल अमान, मुरसलीन, उवैस, रुस्तम, शौर्य, ताबिश, वक्कार, शिवब यादव, उवैस अंसारी, मेडी, इमरान, शादाब, इमरान(2nd), ज़ैद, अमरेंदर, अजहर, प्रशांत और जमीर शामिल रहे जिन्होंने बेझिझक सफाई की और केरल के लाभ के लिए अपना योगदान किया.
यहां तक कि नगर पालिका क्लीनर भी इस तरह के काम करने से इंकार कर देते है क्योंकि वहां बेहिसाब गन्दगी थी. हमने लगभग 35 घरों को साफ किया. यह साझा करना वाकई खुश है कि हमारे पूर्व अनुभाग अधिकारी वी मजीद सर ने पूरी टीम को वापस जाने के लिए रात के खाने की पेशकश की. मेरे प्यारे लड़कों, सहयोगी जिन्हें आप अवगत नहीं हो सकते हैं या यहां तक कि देखभाल भी करते हैं कि आपके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के कितने मूल्यवान हैं. यहां तक कि अगर लोग करोड़ों की पेशकश करते हैं तो भी लोग इन कामों को करने से इनकार कर देते है. आपने असल में केरल के इतिहास में अपनी छाप छोड़ दी है. जिसे ताउम्र याद किया जाएगा. साथ ही हम गर्व से कह सकेंगे की “भाई मैं अपनी जान दिया था केरल के लिए.” हमें ऐसा अवसर देने के लिए युवा लीग पेरिंथलमाना निर्वाचन क्षेत्र समिति का शुक्रिया.