बरेली के दरगाह आला हजरत ने मंगलवार को अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मुहम्मद अली जिन्नाह की तस्वीर को लेकर मचे बवाल के बीच फतवा जारी कर कहा कि कोई भी मुस्लिम मोहम्मद अली जिन्ना का समर्थन न करें और अगर वे ऐसा करते हैं तो तो यह गलत है.
दरगाह आला हजरत के प्रवक्ता मौलाना शहाबुद्दीन ने जिन्ना को देश का दुश्मन बताया है. फतवे में कहा गया है कि जिन्ना हमारे देश का हिस्सा नहीं हैं. जहां-जहां भी जिन्ना की तस्वीरें लगी हुई हैं, वहां से उसे हटा देना चाहिए.
उन्होंने कहा, “जिन्ना की हिमायत में खड़ा होना जायज नहीं है. उनका जुर्म यह है कि उन्होंने मुल्क का बंटवारा है. मुसलमानों को उनके फैसले के कारण कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. आज भी सबको याद है. ऐसे में एक तस्वीर को लेकर इतना विवाद नहीं खड़ा किया जाना चाहिए. अगर कुछ लोगों को उनकी तस्वीर से ऐतराज है तो उसे फौरन उतार देना चाहिए.”
इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने भी इस तरह का ही बयान दिया था. मौलाना मदनी ने कहा था, ‘हमारे बुजर्गों ने जिन्ना को अपना आदर्श नहीं माना और न ही उनके सिद्धांत का समर्थन किया बल्कि इस देश में हमारा रहना ही इस बात का सबूत है कि हमने उनके द्विराष्ट्र सिद्धांत को सिरे से खारिज कर दिया. जिन्ना को लेकर हमारी भी वही राय है जो हमारे बुजुर्गों की थी.’
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर को लेकर तब विवाद हुआ जब बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने एएमयू के वीसी को पत्र लिखकर पूछा था कि यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर क्यों है.