जेएनयू छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी से परेशान होकर दर-दर भटक रही नजीब की माँ ने इस मामलें में जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस पर कोई कारवाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इतने दिन हो गए, मेरे बेटे की कोई खबर नहीं मिल पाई है. पुलिस पर मेरा भरोसा टूटता जा रहा है. 13 दिन बाद भी नजीब के बारें में कोई सुचना नहीं हैं.
वहीँ नजीब की बहन सजफ मुशर्रफ ने कहा कि वह मामले का राजनीतिकरण नहीं बल्कि नजीब की सही सलामत वापसी चाहती हैं. हमने नजीब को यहां पढ़ने के लिए भेजा था, वह ऐसा लडका नहीं है जो मारपीट करेगा. सजफ ने कहा, ‘मैंने जेएनयू में एबीवीपी के नेता सौरभ कुमार शर्मा से भी बातचीत की और कहा कि मुझे उन छात्रों से मिलवा दो, जिन्होंने नजीब के साथ मारपीट की थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.’
उन्होंने जेएनयू प्रशासन पर कोई कारवाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नजीब उनका छात्र है, लेकिन मुलाकात करने के बावजूद प्रशासन ने कोई पहल नहीं की. सिर्फ कुलपति का फोन आया था कि वह मिलना चाहते हैं. जेएनयू प्रशासन ने उन छात्रों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की, जिन्होंने नजीब के साथ मारपीट की थी.
इसके अलावा नजीब के साथ हुई मारपीट के बारे में बताते हुए छात्र शाहिद रजा ने कहा कि नजीब को उनके सामने पीटा गया था. आवाज सुनकर जब मैं नीचे गया तो नजीब के सिर से खून निकल रहा था. शहीद ने विक्रांत, अंकित और सुनील को पीटाई के लिए जिम्मेदार बताते हुए कहा कि अंकित ने वॉशरूम में नजीब के साथ मारपीट की थी. स्टूडेंट्स का कहना कि जब वह नजीब को वॉर्डन के रूम में ले गए, वहां भी 10 से 12 स्टूडेंट्स ने उन्हें सिक्योरिटी के सामने ही पीटा.
नजीब की माँ ने दावा किया कि नजीब को किडनैप किया गया हैं, मुझे पता चला है उन्हें मारने की धमकी भी दी गई थी. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि पुलिस जल्द से जल्द नजीब को ढूंढे। मैं सारी शिकायतें वापस ले लूंगी और उन्हें हमेशा के लिए घर वापस ले जाऊंगी, बस उसे ढूंढ निकालें.