आधार नंबर की बिक्री को लेकर खबर छापने वाले अखबार और पत्रकार के खिलाफ एफआईआर मोदी सरकार की और से एफआईआर की दुनिया भर में तीखी आलोचना हो रही है.
ध्यान रहे ‘द ट्रिब्यून’ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि महज 500 रुपये में देश के करोड़ों लोगों का आधार नंबर हासिल किया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया था कि रिपोर्टर ने इस गिरोह को चलाने वाले एक एजेंट से संपर्क किया और उसे पेटीएम के जरिये 500 रुपये का भुगतान किया था. दस मिनट के बाद एक शख्स ने रिपोर्टर को एक लॉगइन आईडी और पासवर्ड दिया. इसके जरिये पोर्टल पर किसी भी आधार नंबर की पूरी जानकारी ली जा सकती थी. इनमें से नाम, पता, पोस्टल कोड, फोटो, फोन नंबर और ई-मेल शामिल हैं.
Full statement from @UIDAI on the FIR against #Tribune. Says it's not targeting whistleblowers. pic.twitter.com/vPHPf7Jh11
— ET NOW (@ETNOWlive) January 7, 2018
रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि जब उस एजेंट को 300 रुपये और दिए गए तो उसने ऐसा सॉफ्टवेयर दिया, जिसके जरिये किसी भी व्यक्ति के आधार को प्रिंट किया जा सकता था. इस मामले में यूआईडीएआई ने ‘द ट्रिब्यून’ और रिपोर्टर रचना खैरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
अमेरिका की खुफिया जानकारी लीक करने के आरोपी एडवर्ड स्नोडेन ने मंगलवार को इस मामले में पत्रकार का पक्ष लेते हुए यूआईडीएआई पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने रिपोर्टर रचना खैरा को इस सबंध में अवार्ड तक देने की बात कही.
The journalists exposing the #Aadhaar breach deserve an award, not an investigation. If the government were truly concerned for justice, they would be reforming the policies that destroyed the privacy of a billion Indians. Want to arrest those responsible? They are called @UIDAI. https://t.co/xyewbK2WO2
— Edward Snowden (@Snowden) January 8, 2018
The journalists exposing the #Aadhaar breach deserve an award, not an investigation. If the government were truly concerned for justice, they would be reforming the policies that destroyed the privacy of a billion Indians. Want to arrest those responsible? They are called @UIDAI. https://t.co/xyewbK2WO2
— Edward Snowden (@Snowden) January 8, 2018
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जिस पत्रकार ने आधार की कमियों को उजागर किया है उसे अवॉर्ड मिलना चाहिए. उस पर जांच बिठाने की जरूरत नहीं है. अगर सरकार वाकई इसके लिए चिंतित है तो कार्ड के जरिए निजी सूचनाएं हैक न हों और करोड़ों भारतीयों की निजता पर आघात न हो, इसके लिए काम करना चाहिए. निजता के हनन के जो जिम्मेदार में उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए और जिम्मेदार संस्था का नाम UIDAI है.’
Govt. is fully committed to freedom of Press as well as to maintaining security & sanctity of #Aadhaar for India's development. FIR is against unknown. I've suggested @UIDAI to request Tribune & it's journalist to give all assistance to police in investigating real offenders.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) January 8, 2018
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा था कि सरकार प्रेस की आजादी को लेकर उतनी ही प्रतिबद्ध है, जितनी करोड़ों भारतीयों की आधार सुरक्षा को लेकर. ये एफआईआर अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराई गई है. मैंने यूआईडीएआई से ट्रिब्यून और उनकी पत्रकार से इस मामले की तह में जाने के लिए सहयोग लेने की बात कही है.