रांची : चारा घोटाले मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा की सजा सुनाई गई है. इसी के साथ उन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में रांची की सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव के साथ फूल चंद, महेश प्रसाद, सुनील कुमार, बांकी जूलियस, सुधीर कुमार और राजा राम को भी साढ़े तीन साल और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. इसके अलावा पूर्व विधायक जगदीश शर्मा को अदालत ने सात साल की सजा सुनाई है.
सजा के बाद लालू यादव ने ट्वीट कर कहा, बीजेपी का यह नारा है- ‘हमारे साथ आओ वर्ना झूठे मामलों में फंसा देंगे’. सामाजिक न्याय, सौहार्द और समानता की लड़ाई लड़ते हुए मैं मरना पसंद करूंगा.
Rather than practising BJP’s Simple Rule – “Follow us or We will Fix you”. I will die happily fixing myself for Social justice, harmony & equality.
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 6, 2018
वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की फर्जीवाड़ा कर अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी के इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे, जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्तूबर 1997 को मुकदमा दर्ज किया था और लगभग 21 साल बाद इस मामले में गत 23 दिसंबर को फैसला आया.
सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के इस मामले में 23 दिसंबर को लालू प्रसाद समेत तीन नेताओं, तीन आईएएस अधिकारियों के अलावा पशुपालन विभाग के तत्कालीन अधिकारी कृष्ण कुमार प्रसाद, पशु चिकित्साधिकारी सुबीर भट्टाचार्य तथा आठ चारा आपूर्तिकर्ताओं सुशील कुमार झा, सुनील कुमार सिन्हा, राजाराम जोशी, गोपीनाथ दास, संजय कुमार अग्रवाल, ज्योति कुमार झा, सुनील गांधी तथा त्रिपुरारी मोहन प्रसाद को अदालत ने दोषी करार देकर जेल भेज दिया था.