नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी करके मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 4.2 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया है। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास दर का अनुमान 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है।
एसबीआई ने मंगलवार को जारी ईकोरैप रिपोर्ट में कहा है कि वाहन बिक्री में कमी, एयर ट्रैफिक में गिरावट, कोर सेक्टर की ग्रोथ में सुस्ती और कंस्ट्रक्शन-इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश घटने की वजह से सितंबर तिमाही में विकास दर घट सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020-21 से आर्थिक विकास दर रफ्तार पकड़ेगी, तब जीडीपी ग्रोथ 6.2% रहने की उम्मीद है। साथ ही कहा कि ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए आरबीआई दिसंबर में ब्याज दरों में बड़ी कटौती कर सकता है। सितंबर में औद्योगिक उत्पादन में 4.3% गिरावट काफी सतर्क करने वाला आंकड़ा है।
बता दें कि भारत की जीडीपी दर 6 साल के निचले स्तर पर है। यह मौजूदा वित्त वर्ष की जून तिमाही में 5 प्रतिशत पर थी। इस साल की शुरुआत में अधिकांश गैर-सरकारी संगठन जीडीपी दर को 7.5 प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान जता रहे थे।
वहीं बजट पेश करने से पहले सरकार भी मान रही थी कि यह दर 8 प्रतिशत के आसपास दर्ज की जा सकती है। लेकिन सभी अनुमान के उल्ट जो आंकड़े सामने आए वह सरकार के लिए चिंता का विषय बन गए। नतीजन भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है।