एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने गोविंद पानसरे हत्याकांड के पूरक आरोप पत्र में पानसरे की हत्या की वजह सनातन संस्था की हिन्दू राष्ट्र स्थापना की सोच में बाधा बनने को बताया हैं.
एसआईटी की और से आरोप पत्र में कहा गया कि सनातन संस्था की हिन्दू जन जागृति समिति पानसरे को एक ‘दुर्जन’ व्यक्ति के रूप में देखती थी. सनातन संस्था का लक्ष्य भारत में हिन्दू राष्ट्र स्थापना था. ऐसे में पानसरे उनके लक्ष्य के बीच बाधा बन रहे थे. जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई.
दरअसल पानसरे ने नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के बाद सनातन संस्था के खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी. उन्होंने 30 दिसम्बर 2014 को घोषणा की थी कि वे सनातन के विरोध में महाराष्ट्र भर में 150 सभाएं करेंगे. इस घोषणा के डेढ़ महीने बाद ही पानसरे की हत्या कर दी गई.
गौरतलब रहें कि 16 फरवरी 2015 को सुबह के वक्त घर के बाहर गोली मार दी थी. चार दिन बाद 20 फरवरी 2015 को पानसरे का अस्पताल में निधन हो गया था.