सलीम खान – एक तीर से दो शिकार, सलमान को बचाना और खुद को मोदी परस्त दिखाना

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सलमान खान के पिता सलीम खान ने तीन तलाक़ के मुद्दे पर मोदी सरकार का खुला समर्थन किया है उनका कहना है की ट्रिपल तलाक का रिवाज़ कुरान के खिलाफ है. यह सब उन्होंने ट्विटर पर एक ट्वीट के ज़रिये कहा.

गौरतलब है की तीन तलाक के मुद्दे पर देश में मुस्लिम राजनीती को लेकर हवा जोरो की चल रही है जहाँ कानूनविद तीन तलाक को संविधान के दायरे में लाने को बहुत मुश्किल बता रहे है वहीँ भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियाँ तमाम मुद्दे भूलकर तीन तलाक के पीछे क़ुबूल है,क़ुबूल है, क़ुबूल है कहकर पड़ गये है.

जैसे बिना मौसम ना बरसात अच्छी लगती है उसी तरह बिना माने सलाह भी अच्छी नही लगती लेकिन सलमान खान के सारथि रहे सलीम खान हमेशा उन मुद्दों पर सामने आते है जो भाजपा के समर्थन में होता है. चाहे वो बुर्के को लेकर हो, अल्पसंख्यक समुदाय, देश में इनटॉलेरेंस या फिर ताज़ा तीन तलाक का मुद्दा.

सलीम खान की ख़ास बात यह है की जब जब सलमान खान अपने बड़बोलेपन के कारण किसी मुद्दे में उलझते है तो सलीम खान मुस्लिम समुदाय से जुडी कोई ऐसी बात कहते है जो खान परिवार के बीजेपी की तरफ झुकाव को दर्शाती है जैसे कुछ दिन पूर्व जब सलमान खान पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम करने को लेकर फंसते नज़र आये तो उसके तुरंत एक हफ्ते बाद सलीम खान ने तीन तलाक को मुसलमानों और मौलवियों को गरियाकर यह साबित कर दिया खान परिवार मोदी सरकार के साथ है.

इससे पहले भी जब सलमान ने कहा था की ‘शूटिंग के बाद रेप विक्टिम जैसा महसूस कर रहा था’ तुरंत सलीम खान आगे आये और उनके कहे बयान का मतलब मीडिया को समझाया और तुरंत माफ़ी मांगी.

इसके बाद सलीम खान इस पर भी नही रुके उन्होंने मुसलमानों से पूछा की इस्लाम को मान भी रहे हो या नही ? इसके बाद उन्होंने मौलवियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा की अगर मुसलमानों को इस्लाम नही बता सकते तो उन्हें भटकाओ मत. तीन तलाक पर उन्होंने लिखा ”तीन तलाक कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ मनमाने ढंग से चल रहा रिवाज है। यूनिफॉर्म सिविल कोड का कुछ मौलवी विरोध कर रहे हैं और कुछ मुसलमानों ने भी इसे गलत मान लिया है। लेकिन यह इस्‍लाम में बिलकुल दखल नहीं देता। जिन देशों में कोई निजी या इस्‍लामिक कानून नहीं है उनमें 33 प्रतिशत मुसलमान अल्‍पसंख्‍यकों की तरह रहते हैं। फिर भी वे शांति से जी रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि क्‍या मुसलमान वाकई इस्‍लाम का अनुसरण कर रहे हैं? यदि आप उन्‍हें रास्‍ता नहीं दिखा सकते तो उन्‍हें भटकाओ तो मत।”

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