बरेली । झारखंड के बाद उत्तर प्रदेश से बेहद झकझोर देने वाली घटना सामने आयी है। यहाँ एक 55 वर्षीय महिला सरकारी नीतियो की भेंट चढ़ गयी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तकनीकी कारणो की वजह से सरकारी राशन की दुकान से महिला के बेटे को राशन नही मिला। जिसकी वजह से महिला कई दिन तक भूखी रही और आख़िर में उसकी मौत हो गयी। हालाँकि ज़िला प्रशासन इस बात से इंकार कर रहा है।
इंड़ीयन इक्स्प्रेस के अनुसार बरेली स्थित फ़तेहगंज इलाक़े में रहने वाली 55 वर्षीय सकीना काफ़ी दिनो से बीमार चल रही थी। सकीना के पति मोहम्मद इशाक के अनुसार उसको लकवा मार गया था जिसकी वजह से वो चल फिर नही पा रही थी। यही वजह थी की सकीना सरकारी राशन की दुकान पर बायोमैट्रिक के लिए नही जा सकी। इसलिए दुकान के मालिक अहमद नवी ने सकीना के बेटे को राशन देने से मना कर दिया।
इस बारे में बताते हुए इशाक ने कहा की हम पिछली बार सकीना को किसी तरह खाट पर लिटाकर अंगूठे के लिए ले गए थे लेकिन इस बार उसकी तबियत ज़्यादा ख़राब थी इसलिय यह सम्भव नही हो सका। सकीना के बेटे शमसाद ने भी इस बात की पुष्टि की है। हालाँकि अहमद नवी ने इस बात से इंकार करते हुए कहा की सकीना के बेटे ने मुझे नही बताया की वह बीमार है। अगर मुझे पता होता तो मैं ख़ुद उसके घर जाकर सकीना का अँगूठा ले आता।
हैरानी की बात यह है की सकीना की मौत के दो दिन बाद ही प्रशासन ने उसके घर दो बोरियाँ अनाज की भिजवा दी। उधर ज़िला प्रशासन ने इस बात से इंकार किया है कि सकीना की मौत भूखमरी से हुई। बरेली के डीएम आर विक्रम सिंह ने बताया कि हम यह बात मानते है कि यह परिवार काफ़ी ग़रीब है लेकिन सकीना की मौत भूखमरी की वजह से नही हुई। चूँकि बिना पोस्टमार्टम हुए ही सकीना का शव दफ़ना दिया गया इसलिए हम उसकी मौत के कारणो को नही बता सकते। हमने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवार को घर देने की संस्तुती कर दी है।