सीएए के विरोध का प्रमुख चेहरा जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी की सदस्य सफूरा जरगर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है। जिसके बाद सफूरा जरगर को बुधवार को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया।
कोर्ट ने सफूरा को 10 हजार रूपए के मुचलके पर जमानत दी। कोर्ट ने उससे कहा कि वह कोई ऐसा काम नहीं करे जिससे जांच पर असर पड़े। सफूरा बिना इजाजत दिल्ली से बाहर नहीं जा सकेगी। इसके साथ ही उसे 15 दिन में एक बार जांच करने वाले अफसर से फोन पर संपर्क भी करना होगा।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सां’प्रदायिक हिं’सा के आरोप में गैर कानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत सफूरा जरगर को गिरफ्तार किया गया था।
Delhi: Jamia Coordination Committee member Safoora Zargar has been released from Tihar Jail. She was granted bail by the Delhi High Court yesterday in connection with a case related to the violence which broke out in Delhi in February this year. pic.twitter.com/6DKBJDASvo
— ANI (@ANI) June 24, 2020
बता दें कि सफूरा की गिरफ्तारी की अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी आलोचना हुई थी। सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स, अमेरिकन बार एसोसिएशन ने जरगर की हिरासत को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ बताते हुए रिहाई की मांग भी की थी।
एसोसिएशनने कहा है कि सफूरा जरगर का प्री-ट्रायल डिटेंशन अंतरराष्ट्रीय कानून, जिनमें वो संधियां भी शामिल है, भारत जिनमें स्टेट-पार्टी है, के मानकों के अनुरूप प्रतीत नहीं होता है।