प्रयागराज: प्रयागराज में कुंभ के बीच हो रही धर्म संसद के बीच राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के लिए उस वक्त असहज की स्थिति उत्पन्न हो गई जब वहां मौजूद दो दर्जन से ज्यादा संतो ने तारीख बताओ तारीख बताओ के नारे लगाना शुरू कर दिया।
अपने भाषण में भागवत ने कहा कि इलाहबाद कोर्ट ने भी माना है कि नीचे मंदिर है। अब अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा। इसके साथ ही मोदी सरकार का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि हमने उनसे कहा था कि हम तीन साल आपको नहीं छेड़ेंगे लेकिन राम मंदिर बनना चाहिए। अगर सरकार मंदिर के लिए करेगी तो राम का आशीर्वाद मिलेगा। हालांकि सरकार ने इतनी मदद जरूर की है कि सुप्रीम कोर्ट में जाकर कहा कि वहां जिसकी जमीन है, उसे वह वापस की जाए।
अगर सरकार मंदिर के लिए करेगी तो राम का आशीर्वाद मिलेगा। हालांकि सरकार ने इतनी मदद जरूर की है कि सुप्रीम कोर्ट में जाकर कहा कि वहां जिसकी जमीन है, उसे वह वापस की जाए।उन्होंने कहा कि यह मामला निर्णायक दौर में है। मंदिर बनने के किनारे पर है, इसलिए हमें सोच समझकर कदम उठाने पड़ेंगे। हम जनता में जागरण तो करते रहें और चुप न बैठें, जनता में प्रार्थना, आवेश और जरूरत पड़ी तो आक्रोश भी जगाते रहें।
#WATCH: Ruckus ensued after RSS chief Mohan Bhagwat's speech at the Dharm Sansad called by VHP in Prayagraj, protesters were demanding early construction of Ram temple in Ayodhya. pic.twitter.com/IGnOxThHuq
— ANI UP (@ANINewsUP) February 1, 2019
भागवत ने कहा, ”आगे हम कोई भी कार्यक्रम करेंगे, उसका प्रभाव चुनाव के वातावरण पर पड़ेगा। मंदिर बनने के साथ लोग यह कहेंगे कि मंदिर बनाने वालों को चुनना है। इस समय हमें भी यह देखना चाहिए कि मंदिर कौन बनाएगा। मंदिर केवल वोटरों को खुश करने के लिए नहीं बनाएंगे तभी यह मंदिर भव्य और परम वैभव हिंदू राष्ट्र भारत का बनेगा।”
अपने भाषण में मोहन भागवत ने ये भी कहा कि आवेश और आक्रोश बनाए रखना है, लोगों को आरएसएस और संतो पर भरोसा है। 6 अप्रैल को एक करोड़ लोग मंदिर के लिए मंत्रोच्चार करेंगे। इस बार चुनाव है और मंदिर बनाने वालों को चुनना पड़ेगा। हमें सरकार के लिए कठिनाई नहीं पैदा करनी है बल्कि मदद करनी है। इसके साथ ही हमें सकारात्मक सोच रखनी है, सनातन धर्म के विजय का काल आया है।