49 वर्षीय रोहित की मां राधिका का अपने पति से तलाक हो चुका है। मां ने रोहित और उसके दो भाइयों का सिलाई का काम करके पालन पोषण किया।
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला के आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। कुछ मीउिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि रोहित दलित नहीं है। दलित के उत्पीड़न का मामला होने की वजह से ही इस मुद्दे को ज्यादा सुर्खियां मिली हैं। ऐसे में इन मीडिया रिपोर्ट्स की वजह से रोहित की मां बेहद नाराज हैं। उन्होंने पूछा, ”जब निर्भया नाम की लड़के के साथ हैवानियत के साथ रेप करके उसकी हत्या कर दी गई तो क्या किसी ने उसकी जाति पूछी थी? ऐसे में रोहित की जाति पर सवाल क्यों?” 49 वर्षीय रोहित की मां राधिका का अपने पति से तलाक हो चुका है। मां ने रोहित और उसके दो भाइयों का सिलाई का काम करके पालन पोषण किया। जाति के मामले पर सफाई देते हुए राधिका ने बताया कि उनके पति ओबीसी हैं, जबकि वे अनुसूचित जाति की हैं। उन्होंने बताया कि तीन साल की उम्र से एक ओबीसी जाति के परिवार ने उनका पालन पोषण किया और शादी भी ओबीसी जाति में हुई।
तीन बच्चों के बाद तलाक हो गया और वे बच्चों के साथ अलग रहने लगीं। राधिका का कहना है कि चूंकि वे एससी हैं, इसलिए उनके बच्चे भी दलित हैं। राधिका ने पूछा, ”रोहित को क्यों सस्पेंड किया गया, इसकी वजह बताए जाने के बजाए मेरी जाति से जुड़े सवाल क्यों पूछे जा रहे हैं। मामले को घुमाया क्यों जा रहा है?” वहीं, रोहित की बहन नीलिमा ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी की ओर से आठ लाख रुपए की सहायता राशि लेने से भी इनकार कर दिया। रोहित की मां नीलिमा ने पूछा, ”हमें आपका पैसा नहीं चाहिए। आठ लाख तो क्या अगर आप आठ करोड़ भी देंगे तो मंजूर नहीं है।” राधिका अपने बच्चों नीलिमा और राजा के साथ यूनिवर्सिटी में भूख हड़ताल कर रहे स्टूडेंट्स से मिलने पहुंचीं। उन्होंने उनसे कहा, ”आप सभी मेरे बेटे जैसे हो। अगर आपको कुछ चाहिए तो मैं मदद करूंगीं।
मैं यहां आपकी मदद करने आई हूं, समर्थन करने नहीं।” उन्होंने कहा, ‘‘स्मृति ईरानी…पांच दिन के बाद उन्होंने कॉल किया। पांच दिन क्यों लगे? आप भी एक औरत हैं…आप भी एक मां हैं …:परिवार को फोन करने और मौत पर शोक जताने में पांच दिन लग गया। मैं जानना चाहती हूं क्यों उसकी मौत हुयी। आपने मारा या उसकी मौत हुयी? उसे क्यों निलंबित किया गया? जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार कर दंडित किया जाना चाहिए। केवल यही चीज मुझे चाहिए।’’ साभार: जनसत्ता