नई दिल्ली. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने पिछले सालों में विकास दर में गिरावट के लिए यूपीए सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने सोमवार को कहा कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की नीतियों की वजह से एनपीए बढ़ रहा था और ग्रोथ घट रही थी। नोटबंदी की वजह से ग्रोथ धीमी पड़ने के आरोप को राजीव कुमार ने झूठा बताया। उन्होंने कहा, “मुझे चिंता है कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री और पी चिदंबरम जैसे लोगों ने ये बात कही।”
राजीव कुमार ने कहा कि आरबीआई के गवर्नर के रूप में रघुराम राजन की नीतियों के चलते जीडीपी की वृद्धि दर आधे दर्जन से अधिक तिमाहियों में गिर रही थी। राजीव कुमार ने कहा, ‘विकास दर में गिरावट की प्रवृत्ति थी और ये कमी क्यों आई? बढ़ता एनपीए, बैंकिंग क्षेत्र में गैर-निष्पादित संपत्तियों की वजह से वृद्धि में कमी आई थी। 2014 में जब नई सरकार आई, तो ये आंकड़े लगभग 4 लाख करोड़ रुपए थे। 2017 के मध्य तक यह 10.5 लाख करोड़ रुपए हो गया।’
#WATCH:Niti Aayog Vice-Chairman Rajiv Kumar on allegations that #demonetisation slowed down growth says 'This is a completely false narrative and I am afraid leading people like Mr.Chidambaram and our former PM added to this.' pic.twitter.com/EeGqHjIpad
— ANI (@ANI) September 3, 2018
उन्होंने कहा, ‘एनपीए बढ़ा और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में कमी आई क्योंकि पिछले गवर्नर राजन ने गैर-निष्पादित संपत्तियों की पहचान के लिए नए तंत्र स्थापित किए थे और इन्हें लगातार बढ़ना जारी रखा गया, यही कारण है कि बैंकिंग सेक्टर ने इंडस्ट्री को ऋण देना बंद कर दिया और मीडियम और स्मॉल स्केल इंडस्ट्री की क्रेडिट ग्रोथ नेगिटिव में चली गई।।’
एनपीए में हुई इस बढ़त के चलते तीन साल के दौरान जीडीपी में लगातार गिरावट देखने को मिली और इसके लिए सिर्फ रघुराम राजन जिम्मेदार हैं। बता दें कि पूर्व गवर्नर रघुराम राजन मोदी सरकार के नोटबंदी के खिलाफ रहे है।