समान नागरिक संहिता और इसरायली राष्ट्रपति के विरोध में संसद कूच आज

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नई दिल्ली, समान नागरिक संहिता के विरोध में ऑल इंडिया तंज़ीम उलामा-ए-इस्लामआज  शुक्रवार यानी 18 नवम्बर को संसद कूच करेगी। पार्लियामेंट मार्च के नाम से पहले जंतर मंतर पर विशाल प्रदर्शन होगा, इसके बाद संसद की तरफ़ कूच किया जाएगा।

तंजीम के प्रवक्ता इंजिनियर शुजात अली कादरी  ने कहा कि शुक्रवार की जुमे की नमाज़ के बाद 3 बजे दिल्ली के हज़ारों लोग जंतर मंतर पर जुटकर मोदी सरकार के समान नागरिक संहिता थोपने का विरोध करेंगे और इसके बाद अपना ज्ञापन सौंपने के लिए संसद की तरफ़ कूच करेंगे। अपने ज्ञापन में तंज़ीम माँग करेगी कि भारत के सुन्नी मोदी सरकार के उस प्रस्ताव के विरोधी हैं जिसमें महिला सुरक्षा के नाम पर इस्लामी शरीअत में बदलाव की कोशिश की जा रही है।

नजीब और फ़िलस्तीन की भी बात होगी-

शुजात अली क़ादरी ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से लापता छात्र नजीब की तलाश, नजीब के साथ ज्यादती करने वाले दोषियों की गिरफ़्तारी की मांग को भी 18 नवम्बर के जंतर मंतर से संसद तक कूच में उठाया जाएगा। उन्होंने कहाकि उनका संगठन इज़राइल के राष्ट्रपति रुवेन रिविलीन के भारत दौरे का विरोध करता है और स्वतंत्र फ़िलस्तीन राष्ट्र की अपनी माँग को दोहराता है। संसद कूच से दिए जाने वाले ज्ञापन में इन मुद्दों को शामिल किया जाएगा।

उन्होंने  कहा कि दिल्ली समेत भारत के सभी सु्न्नी अवाम को चाहिए कि वह शुक्रवार 18 नवम्बर को जुमे की नमाज़ के बाद जंतर मंतर तक पहुँचे ताकि वह अपने निजी क़ानूनों की सुरक्षा के लिए कार्य कर रहे तंज़ीम उलामा-ए-इस्लाम की कोशिशों को ताक़त दे सके। कादरी ने कहाकि यह आवश्यक है कि मुसलमान अपने अधिकारों के लिए आगे आएँ और तंज़ीम के हाथ मज़बूत करें।

आपको बता दें कि इससे पहले तंज़ीम उलामा-ए-इस्लाम समेत भारत के प्रतिष्ठित सुन्नी सूफ़ी संगठनों ने पिछली 17 अक्टूबर को दिल्ली के जंतर मंतर और 28अक्टूबर को दिल्ली के सीलमपुर में समान नागरिक संहिता के विरुद्ध ज़ोरदार प्रदर्शन किया था और क़ानून आयोग को अपनी सिफ़ारिशों से पहले ली जाने वाली राय को इस्लाम के ख़िलाफ़ साज़िश बताते हुए इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे पर देश को धकेलने की नीयत बताया था।

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