
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बुधवार( सात मार्च) को होने वाले 64 वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बतौर मुख्य अतिथि आज शामिल होंगे. राष्ट्रपति AMU में सुबह करीब 11 बजे पहुंचेंगे.
राष्ट्रपति का यह दौरा छात्र संगठन के विरोध के बीच हो रहा है. दरअसल, छात्र संगठनों का विरोध राष्ट्रपति के द्वारा पूर्व में मुस्लिमों और ईसाईयों के खिलाफ दिए गए बयान को लेकर हो रहा है. छात्र संघ की मांग है कि राष्ट्रपति अपने विवादित बयान को वापस ले.
ध्यान रहे रंगनाथ मिश्रा कमीशन की रिपोर्ट पर विवादित टिप्पणी करते हुए साल 2010 में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा था कि मुस्लिम और ईसाई (क्रिश्चन) देश के लिए एलियन हैं. रंगनाथ मिश्रा कमीशन ने सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े धार्मिक व भाषाई अल्पसंख्यकों के लिए 15 फीसदी आरक्षण (10 फीसदी मुस्लिमों के लिए व 5 फीसदी अन्य अल्पसंख्यकों के लिए) की सिफारिश की थी.
इस पर टिप्पणी करते हुए कोविंद ने कहा था कि ये संभव नहीं है क्योंकि मुस्लिम व ईसाइयों को अनुसूचित जाति में शामिल करना गैर-संवैधानिक होगा. कोविंद उस समय बीजेपी के प्रवक्ता थे. जब कोविंद से पूछा गया कि फिर सिक्खों को उसी वर्ग में कैसे आरक्षण दिया जाता है. तो उन्होंने कहा कि ‘इस्लाम व ईसाईयत देश के लिए बाहरी हैं’
इस सबंध में AMU छात्र संघ के उपाध्यक्ष सज्जाद सुभान ने कहा, ‘यदि वह माफी नहीं मांगते हैं तो उन्हें यूनिवर्सिटी में नहीं आना चाहिए. या तो वह साल 2010 के अपने बयान के लिए गलती स्वीकार करें या दीक्षांत समारोह से दूर रहें.’
सज्जाद ने कहा, ‘राष्ट्रपति को पहले यह स्वीकार करना चाहिए कि भारत यहां रहने वाले सभी धर्म के लोगों का है, नहीं तो परिसर में उनका स्वागत नहीं किया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को दीक्षांत समारोह के लिए बुलाने की कोई जरूरत नहीं थी. उनके आने से संस्थान को कोई फायदा नहीं होगा.