लोकसभा में शुक्रवार को कश्मीरवासियों का भरोसा कायम करने के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें कश्मीर में लंबे समय से जारी कर्फ्यू और हिंसा और लोगों के मारे जाने पर गंभीर चिंता प्रकट की गई और कहा गया कि भारत की अखंडता, एकता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं हो सकता.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) जम्मू-कश्मीर का ही भाग है. उन्होंने कहा कि सरकार को विदेशों में रह रहे पीओके के निर्वासित लोगों से संपर्क करना चाहिए और उनसे बात की जानी चाहिए. पीएम ने कहा, जम्मू-कश्मीर के चार हिस्से हैं, कश्मीर, लद्दाख, जम्मू और पाकिस्तान अधिकृति कश्मीर. उन्होंने बलूचिस्तान सहित पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन का भी जिक्र किया.
बैठक से पहले लोकसभा में जम्मू-कश्मीर को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किय गया. इस प्रस्ताव में राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंड़ता को लेकर कोई समझौता नहीं करने की बात प्रमुखता से रखी गई है. प्रस्ताव में कश्मीर नेताओं से बातचीत का रास्ता खुला रखा है.
बैठक में पीएम मोदी के अलावा, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्तमंत्री अरुण जेटली, केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और वाई एस चौधरी सहित कई पार्टियों के नेता शामिल थे.