भारत के दूसरे सबसे बड़े राष्ट्रीयकृत बैंक पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित एक शाखा में हुए 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर का घोटाले को लेकर एक के बाद एक खुलासे होते जा रहे है. जिसके चलते मोदी सरकार घिरती जा रही है. इस घोटाले को लेकर कहा जा रहा है मोदी सरकार को इसके बारे में पहले से जानकारी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेंगलुरु के एक बिजनेसमैन हरि प्रसाद एस वी ने 2016 में ही इस बारे में पीएमओ को जानकारी दी थी. उन्होंने बताया कि पीएमओ ने उसकी शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया.
हरि प्रसाद एस वी ने कहा कि यदि जुलाई 2016 में पीएमओ को की गई उसकी शिकायत पर अमल किया गया होता तो इस घोटाले का पर्दाफाश काफी पहले हो जाता. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि ने उसने अपनी 25 से 30 मात्र संपत्ति की बदौलत 9 हजार 872 करोड़ का भारी-भरकम लोन ले रखा है और यह जल्द ही NPA बनने जा रहा है.
हालांकि जनेसमैन ने ये भी कहा कि उनकी शिकायत मेहुल चौकसी के गीतांजलि ग्रुप के बारे में थी, ना कि नीरव मोदी के बारे में. हालांकि दोनों बिजनेस पार्टनर हैं, पर नीरव मोदी गीतांजलि ग्रुप में पार्टनर नहीं है.
हरि प्रसाद एस वी ने बताया कि उन्होंने पीएमओ को कंपनी की बैलेंसशीट में खामियों सहित उन 31 बैंकों की सूची भी सौंपी थी. जिन्होंने गीतांजलि ग्रुप को लोन दिया था. आप को बता दे कि नीरव मोदी 1 जनवरी को देश छोड़ कर परिवार के साथ फरार हो चूका है. जिसके बारें में कोई जानकारी नही है.