प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उज्ज्वला योजना ईदगाह से जुड़ी है. इस बात की जानकारी खुद पीएम मोदी ने सी है. उन्होंने बताया कि मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी ईदगाह से उन्हें इस की प्रेरणा मिली थी.
उन्होंने कहा, ‘ईदगाह में हामिद नाम के एक बच्चे का चरित्र था. वह मेले में मिठाई खरीद कर खाने के बजाय अपनी दादी के लिए चिमटा खरीद कर लाया था, ताकि इसकी मदद से उसकी दादी खाना पका सकें और उनका हाथ न जले. मुंशी प्रेमचंद की यह कहानी मुझे आज भी प्रेरित करती है. मेेेेरा मानना है कि यदि एक हामिद ऐसा कुछ कर सकता है तो देश का प्रधानमंत्री ऐसा क्यों नहीं कर सकता?’
पीएम मोदी ने ट्वीट कर भी इसका जिक्र किया. उन्होंने लिखा, ‘मैं प्रेमचंद की कहानी ईदगाह को कभी नहीं भूल सकूंगा. यह कहानी हामिद नाम के बच्चे की है. ईदगाह बहुत ही भावुक कहानी है.’
मोदी ने कहा, “आजादी के करीब-करीब छह-सात दशक के बाद भी सिर्फ तेरह करोड़ परिवारों तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचा था. वो भी सांसद और नेताओं की सिफारिश से मिलते थे. आप समझ सकते हैं कि शुरू में यह बड़े-बड़े लोगों को ही पहुंचाया गया. सामान्य व्यक्ति के घर में गैस चूल्हे की कल्पना नहीं हो सकती. मैं छोटा था तो बड़े लोग ऐसी बातें भी करते थे कि गैस चूल्हा नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे आग लग जाएगी. मैं पूछता था कि आप लोगों के घर में आग क्यों नहीं लगेगी तो जवाब नहीं मिलाता था.”
मोदी ने कहा कि उज्ज्वला योजना की कामयाबी को देखते हुए पीपीएल परिवारों तक एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य बढ़ाकर आठ करोड़ कर दिया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जल्द ही हम सभी परिवारों तक एलपीजी गैस कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. जिन-जिन रसाई घरों में एलपीजी के चूल्हे जल रहे हैं. वहां लकड़ी, कंडे और कैरोसिन से निजात मिल चुकी है. नारी शक्ति को धुएं से मुक्ति मिली है. उन्हें बीमारियों से मुक्ति मिली है। मेरा तो बचपन ही गरीबी में बीता है. मां खाना बनाती थी तो पूरे घर में धुआं भर जाता था, तब मां मिट्टी की छत पर बने छेदों को खोल देती थी, ताकि बच्चों को धुएं से मुक्ति मिले.”