भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबधों के बीच शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन की अनौपचारिक मुलाक़ात हुई।
दोनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और संक्षिप्त बातचीत की. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के मीडिया को संबोधित करने के बाद दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए। इस दौरान पीएम मोदी और ममनून हुसैन के अलावा चीन के राष्ट्रपति समेत और भी कई नेता दिखाई देते हैं।
इस बार भारत और पाकिस्तान दोनों ही सदस्य देश के रूप में शंघाई सहयोग संगठन में शामिल हुए हैं। मोदी ने अपने संबोधन में अफगानिस्तान की स्थिति का जिक्र करते हुए आंतकवाद की चुनौती तथा उसके प्रभाव पर चर्चा की। वहीं हुसैन ने अपने संबोधन में इस बात का भरोसा दिलाया कि उनके देश में होने वाले आम चुनाव पाकिस्तान में आर्थिक स्थिरता को और मजबूत करेंगे।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi and Pakistani President Mamnoon Hussain shake hands after signing of agreements between #SCO nations, in China's #Qingdao pic.twitter.com/bpGu7evVdC
— ANI (@ANI) June 10, 2018
पीएम ने कहा, ”आतंकवाद के असर का अफगानिस्तान एक दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है। मुझे उम्मीद है कि क्षेत्र में राष्ट्रपति गनी के द्वारा शांति के लिए उठाए कदमों का सभी सम्मान करेंगे।”
उन्होंने इस ओर भी ध्यान खींचा कि एससीओ के सदस्य देशों से केवल 6 फीसदी पर्यटक ही भारत आते हैं, इस संख्या को दोगुना किया जा सकता है। पीएम मोदी ने कहा, “हमारी साझा संस्कृति को लेकर जागरूकता बढ़ाने से यह संख्या बढ़ सकती है। हम भारत में एससीओ फूड फेस्टिवल और बौद्ध महोत्सव का आयोजन करेंगे।”