
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को एक किसान रैली को संबोधित करने कर्नाटक के बेलगाम पहुंचे. अपने संबोधन के दौरान पीएम ने भ्रष्टाचार के मामले पर विपक्ष को जमकर ललकारा. साथ ही उन्होंने मौजूदा वक्त में भारत पर दुनिया की उम्मीदों को उजागर किया. इस दौरान फसल बीमा योजना का विरोध कर रहे कुछ किसान भी रैली स्थल पर पहुंचे, जिन्हें पहले ही रोक लिया गया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कर्नाटक के बेलगाम में किसानों की रैली में कहा कि अगर विश्व अर्थव्यवस्था में कोई आशा की किरण है, तो वह भारत है. हमें नदियों को एक दूसरे से जोड़ने के बारे में सोचना होगा, जल प्रबंधन इस समय की जरूरत है. पीएम के साथ बीजेपी विधायक और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी मौजूद थे.
सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं
कर्नाटक के बेलगाम में किसानों की रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार रोकने को लेकर सरकार की पीठ थपथपाई. मोदी ने कहा कि जब मुझे सत्ता मिली, तब देश काफी परेशान था.
When I took power in Delhi, entire country was suffering because of the corruption: PM Modi in Belgaum (Karnataka) pic.twitter.com/58zu6Yxk9o
— ANI (@ANI) February 27, 2016
जल, थल और नभ हर जगह भ्रष्टाचार था, लेकिन हमने सत्ता संभालते ही स्थिति को सुधारने का काम किया. मोदी ने कहा कि हमारे विरोधी भी जो सुबह-शाम बेवजह के मुद्दों पर बयान देते हैं, उन्होंने भी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाया.
Even our opposition hasn't made made any allegation of corruption against us: PM Modi in Belgaum (Karnataka) pic.twitter.com/Ux2OXSanUn
— ANI (@ANI) February 27, 2016
भारत विश्व के लिए आशा की किरण
रैली के दौरान फसल बीमा योजना का विरोध कर रहे किसान भी रैली स्थल पर पहुंचे, जिन्हें पहले ही रोक लिया गया.
Farmers protesting against 'Fasal Bima Yojna' stopped near PM's rally venue in Belgaum(Karnataka) pic.twitter.com/lfKvy3Apr0
— ANI (@ANI) February 27, 2016
पीएम ने कहा कि जब हमें सत्ता मिली थी, भारत आर्थिक संकटों से गुजर रहा था, हर तरह से देश में आर्थिक स्थिति बेहाल होती जा रही थी. ऊपर से भ्रष्टाचार भारत को दीमक की तरह तबाह कर रहा था. एक निराशा का माहौल था, लेकिन आज पूरे विश्व में यह चर्चा हो रही है कि आज अगर कोई आशा की किरण है, तो वह हिंदुस्तान है.
The entire world is saying that India is only ray of hope in these times: PM Modi in Belgaum (Karnataka) pic.twitter.com/q1ZcxHruEI
— ANI (@ANI) February 27, 2016
डेढ़ साल में मुसीबतों से देश को निकाला बाहर
मोदी ने किसानों की इस रैली में वैश्विक मंदी के बीच भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का रोडमैप भी पेश किया. मोदी ने कहा कि सारी दुनिया में आर्थिक स्थिति डांवाडोल है, दुनिया के महारथी देश भी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. लेकिन भयंकर मंदी का माहौल होने के बाद भी एक अकेला हिंदुस्तान तेज गति से विकास कर रहा है.
Despite recession in major economies of the world, India's growth rate is very high: PM Modi in Belgaum (Karnataka)
— ANI (@ANI) February 27, 2016
विरासत में हमें आर्थिक संकट के सिवाय कुछ नहीं मिला था, लेकिन हमने डेढ़ साल में सब मुसीबतों से देश को बाहर निकाला है. इस देश को आने वाले दिनों में अगर विकास की गति बनाए रखनी है, संकट में भी रफ्तार बनाए रखनी है, तो विकास की यात्रा को तीन आर्थिक पिलरों पर खड़ा करना होगा. वह तीन पिलर हैं, ‘मैन्युफैक्चरिंग, कृषि और सर्विस सेक्टर.’
If we promote agriculture, manufacturing and service sector simultaneously, we can overcome any crisis: PM Modi pic.twitter.com/ew1fD5a5Ii
— ANI (@ANI) February 27, 2016
किसानों के लिए दुरुस्त सिंचाई व्यवस्था
पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों के बीच फसल बीमा योजना और मृदा कार्ड जैसी योजनाओं को भी जमकर सराहा. पीएम ने कहा कि किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए हमने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बनाई है. 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से यह योजना काम करेगी. नदियों को जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है. इस्राइल उदाहरण है कि कम से कम पानी में कृषि क्रांति कैसे हो, यह काम इस्राइल ने करके दिखाया है.
जल प्रबंधन है जरूरी
पीएम मोदी ने कहा कि हमें एक-एक बूंद पानी की कीमत समझनी होगी. पानी कारखाने में पैदा होने वाली चीज नहीं है, पानी तो भगवान का प्रसाद है. किसी तीर्थ में प्रसाद गिर जाए, तो माफी मांग कर उठा लेते हैं. मोदी ने कहा, ‘हमारे देश मे अगर आजादी के बाद जल प्रबंधन को प्राथमिकता दी गई होती, तो आज सूखे की मार से किसानों को आत्महत्या नहीं करनी पड़ती. किसान को अगर पानी मिल जाए, तो वह मिट्टी से सोना निकाल देगा.’
मनरेगा में सिंचाई योजनाओं का काम
पीएम मोदी ने कहा कि मनरेगा को गड्ढे खोदने के लिए पैसे बर्बादी का जरिया नहीं होना चाहिए. मनरेगा के काम में पहली प्राथिमकता नहरों को बनाने, तालाब खोदने और चेक डैम बनाने की रहेगी. ड्रॉप, मोर क्रॉप का मंत्र देते हुए पीएम ने कहा कि जितना महत्व जल संचय का है, उतना ही जल सिंचन का भी है. पीएम ने कहा, ‘हमने किसानों के लिए जल और जमीन की चिंता कम की है. हमने मृदा स्वास्थ्य कार्ड की योजना चलाई है. जमीनों के सैंपल लेकर लैबोरेटरी में टेस्ट किए जा रहे हैं.’ (Aaj Tak)