नई दिल्ली – आरटीआई एक ऐसा हथियार है, जिसके जरिए अब तक कई घोटालों और वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हो चुका है। लेकिन नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद से लोग आरटीआई के जरिए पीएमओ से अजीबोगरीब जानकारियां मांग रहे हैं। कोई आरटीआई दायर कर पीएम मोदी द्वारा इस्तेमाल किए गए गैस सिलिंडरों के बारे में पूछ रहा है या फिर पीएमओ में वाई-फाई की स्पीड के बारे में पूछ रहा है और पीएमओ इन सभी याचिकाओं के बारी-बारी से जवाब भी दे रहा है।
एक आरटीआई कार्यकर्ता ने यह भी पूछा कि पीएम मोदी अकसर खुद को देश का प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि ‘देश का प्रधानसेवक’ बताते हैं। आवेदक ने पूछा कि क्या ऐसा कोई दस्तावेज है, जिससे यह साबित हो सके कि वह देश के पीएम नहीं, बल्कि प्रधानसेवक हैं। इसके जवाब में पीएमओ ने जवाब दिया कि पीएम के पदनाम को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसके अलावा कुछ आवेदनों में पीएम मोदी के किचेन पर आने वाले खर्च और उनकी शैक्षणिक योग्यता के बारे में पूछा गया। एक आरटीआई कार्यकर्ता ने यह भी पूछा कि क्या पीएम मोदी ने कभी संविधान पढ़ा है। वहीं, एक आवेदक ने जानना चाहा कि क्या पीएम के प्रधान सचिव कभी अपने मातहत अधिकारियों को पिकनिक पर ले गए हैं।
हालांकि पीएमओ ने मोदी के स्टाफ, सैलरी और अन्य कई सवालों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। पीएम ऑफिस ने उनके घर और कार्यालय पर मुलाकात के लिए आने वालों के बारे में भी जानकारी देने से इनकार कर दिया। पीएमओ ने यह कहते हुए इस सवाल को खारिज कर दिया कि यह भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए घातक हो सकता है।
गौरतलब है कि आरटीआई ऐक्ट के तहत दायर की गईं 35 हजार अपील केंद्रीय सूचना आयोग में स्टाफ की कमी के चलते लंबित हैं। पिछले महीने ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से केंद्रीय सूचना आयोग में रिक्त पदों पर भर्ती करने का आदेश दिया था। लेकिन पीएमओ में इस तरह की आरटीआई के अंबार ने नए सवाल खड़े किए हैं।
सिक लीव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पीएमओ ने बताया कि पीएम मोदी ने अपनी शपथ के बाद से कोई छुट्टी नहीं ली है। इसके अलावा उनकी शिक्षा के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में पीएमओ ने बताया कि उन्होंने राजनीति विज्ञान से एमए किया है, यह उनकी उच्चतर योग्यता है। वहीं, इंटरनेट स्पीड को लेकर पीएमओ ने बताया कि पीएम के ऑफिस में इंटरनेट की स्पीड पूरे देश से 7 गुना अधिक यानी 14 एमबीपीएस है, जबकि पूरे देश में यह स्पीड महज 2 एमबीपीएस है।