नई दिल्ली. महाराष्ट्र (Maharashtra) के पालघर (Palghar) में दो साधुओं सहित एक अन्य की हत्या के मामले में कहा कि यह सांप्रदायिक घटना नहीं है। सरकार किसी भी दोषी को छोड़ेगी नहीं। इस बीच अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर इस घटना के संबंध में अफवाह फैलाने व इसे भड़काने का प्रयास करेगा तो उसपर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की। मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। उद्धव ठाकरे ने बताया कि मेरी बात अमित शाह से भी हुई है, उन्हें पता है कि यहां कोई जात पात का मामला नहीं है। महाराष्ट्र में कोई भी जात पात नहीं देखा जाएगा, जो पिछले 5 साल में हुआ उस पर अभी नहीं बोलूंगा, लेकिन अब महाराष्ट्र में ऐसी नौबत नहीं आने दूंगा।
Ministry of Home Affairs seeks report from Maharashtra government over Palghar incident. https://t.co/ieISDMERmg
— ANI (@ANI) April 20, 2020
ठाकरे ने रविवार देर रात ट्वीट कर कहा, ‘पालघर मामले में कार्रवाई की गई है। पुलिस ने उन सभी आरोपियों को उसी दिन गिरफ्तार किया है जिन्होंने दो साधुओं, एक वाहन चालक और पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।’ उन्होंने कहा कि इस जघन्य और शर्मनाक कृत्य के किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा और कानून उन्हें सख्त से सख्त सजा देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जानकारी के मुताबिक बंद के दौरान साधु गुजरात के सूरत जा रहे थे। दादरा और नगर हवेली पुलिस ने उन्हें रोका और वापस महाराष्ट्र भेज दिया।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने गढ़चिंदहली गांव से गुजरने वाले अंदरुनी रास्ते को चुना जो पालघर जिले से 110 किलोमीटर दूर है, यहां स्थानीय लोगों ने उन्हें बच्चा चुराने वाले गिरोह का सदस्य समझकर रोका। उन्होंने कहा कि भीड़ द्वारा पुलिस की गाड़ी पर भी हमला किया गया।’
उन्होंने कहा कि जिस गांव में हमला हुआ वह दादरा नागर हवेली की सीमा से महज कुछ किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा, ‘5 मुख्य आरोपियों समेत पालघर से अबतक 110 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कर्तव्य में लापरवाही बरतने पर दो पुलिसवालों को निलंबित किया गया है।’ ठाकरे ने कहा कि कुल आरोपियों में से नौ नाबालिग हैं और उन्हें रिमांड होम में भेज दिया गया है।