नई दिल्ली | केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से देश में एक अलग माहौल तैयार हुआ है. सोशल मीडिया और कुछ अन्य माध्यमो के जरिये ऐसा दिखाने की कोशिश की की गयी है जैसे देश में एक ही पार्टी राष्ट्रवादी है और बाकी राष्ट्रविरोधी. इसके अलावा एक और चलन काफी देखने को मिला रहा है. अब सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले भी राष्ट्रविरोधी करार दिए जा रहे है. जो काफी चिंता का विषय है.
लेकिन देश में राष्ट्रवाद का सर्टिफिकेट बांटने वाले भी जाने अनजाने दुश्मन देश की मदद करने में लगे हुए है. पहले विपक्षी दलों ने आरोप लगाए की प्रधानमंत्री मोदी के सबसे करीबी उधोगपतियो में से एक गौतम अडानी की कंपनी पाकिस्तान में बिजली बेच रही है. हालाँकि इस आरोप के ऊपर न ही सरकार और न ही अडानी ग्रुप की तरफ से कोई सफाई सामने आई है. अब एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमे कहा गया की मोदी सरकार पाकिस्तान उधोगपतियो को फायदा पहुंचा रही है.
दरअसल इसी महीने इटली में शुरू हुए लेदर फेयर में भारतीय उधोगपतियो को काफी कम आर्डर मिले है. जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश के उधोगपतियो को भर भर आर्डर प्राप्त हुए है. बताया जा रहा है की देश के आर्थिक हालातो को देखते हुए इटली के कारोबारियों ने भारतीय कारोबारियों को आर्डर देने से हिचक रहे है. पिछले साल के मुकाबले इस साल वहां जाने वाले कारोबारियों में कमी आई है.
पिछले साल जहाँ इटली के लेदर फेयर में डेढ़ दर्जन से अधिक कारोबारी गए थे जबकि इस साल केवल छह ही कारोबारी फेयर में गए है. कौंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट समिति के सदस्य असद इराकी के अनुसार पीछले साल जो आर्डर कारोबारियो को मिले थे वो नोट बंदी की वजह से पुरे नही हुए इसलिए इटली के कारोबारी काफी नाराज है. इसके अलावा उनका मानना है की भारत में अभी काफी अनिश्चतता है. अगर आज आर्डर दे और कल कोई और आर्थिक आदेश आ जाये तो उनकी आर्डर लटक सकते है.
इसके अलावा अवैध बूचडखानो पर लगी रोक ने भी आग में घी का काम किया है. यही वजह है की दुनिया के सबसे बड़े लेदर फेयर में से एक मिलान के इस फेयर में पाकिस्तान और बांग्लादेश के कारोबारियों को काफी आर्डर मिल रहे है. इसलिए जाने अंजाने ही सही लेकिन मोदी सरकार दुश्मन देश के कारोबारियों को फायदा पहुँचाने का काम कर रही है.