बुधवार सुबह कश्मीर के कुपवाड़ा में घुसपैठियों से मुठभेड़ में घायल सैनिक ने दम तोड़ दिया हैं. सैनिक का नाम हवलदार मदन लाल शर्मा बताया जा रहा हैं.
पंजाब के पठानकोट जिले के घरोटा गांव में रहने वाले शर्मा का मुठभेड़ में घायल होने के बाद इलाज चल रहा था. सेना की और से शर्मा के परिजनों ने पास आये फोन के अनुसार शर्मा की माता धरमो देवी को सूबेदार मेजर ने बताया था कि मुठभेड़ में उनके बेटे को गहरी चोट लगी है और उसका इलाज चल रहा है.
इसके कुछ देर बाद परिजनों ने सूबेदार मेजर को फिर से फोन किया तो उन्हें बताया गया कि शर्मा नहीं रहे. शर्मा का शव गुरुवार को उनके गांव पहुंचने की संभावना है. पांच बेटों में चौथे नंबर के शर्मा ने 17 साल पहले भारतीय सेना ज्वाइन की थी.
उनके परिवार में अस्सी साल की बूढ़ी मां, पत्नी भावना, छह साल की बेटी श्वेता और ढाई साल का बेटा कण्व है. शर्मा ने आखिरी बार अपने परिवार से पिछले सोमवार को बात की थी और कहा था कि वह जनवरी या फरवरी में घर आएंगे. वह आखिरी बार जुलाई में घर आए थे.
शर्मा की मां कहती हैं, ”सरकार हमारे बच्चों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है. वे रोज मर रहे हैं और सरकार हमें भिखारियों की तरह 5 या 10 लाख दे रही है.” शर्मा की भाभी कुसुम लता ने कहा, ”खिलाड़ियों को मेडल जीतने के लिए करोड़ों मिलते हैं, लेकिन देश के लड़ते हुए शहीद होने वालों के परिवारों से भिखारियों की तरह व्यवहार किया जाता है.