

अफगानिस्तान में दिन-प्रतिदिन होते आतंकी हमलों को लेकर पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने अमेरिका को निशाने पर लिया हैं. उन्होंने अफगान संकट का मूल ज़िम्मेदार अमेरिका को बताया है. उन्होंने कहा कि अब तालेबान उसके भाई नहीं हैं.
अफगानिस्तान के बल्ख़ प्रांत में मज़ार शरीफ के निकट सेना की छावनी पर तालेबान के हमलें को लेकर देश के राजनीतिक और धार्मिक हल्कों से तालिबान और अमेरिका के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया आ रही हैं. अफगानिस्तान की धर्मगुरू परिषद के प्रमुख क़ियामुद्दीन कश्शाफ ने घोषणा की है कि इस देश को निर्दयी दुश्मनों का सामना है जो समस्त इस्लामी और मानवीय मानदंडों की अनदेखी कर रहे हैं.
वहीँ अफगानिस्तान की जमइअते इस्लामी पार्टी के प्रमुख अता मोहम्मद नूर ने भी तालेबान के हालिया हमले की प्रतिक्रिया में कहा है कि अफगान राष्ट्र इस देश के सैनिकों के खून का बदला तालेबान से लेकर रहेगा. इसके अलावा तालेबान ने भी कहा है कि इस हमले का लक्ष्य इस गुट के मारे जाने वाले कमांडरों का प्रतिशोध लेना था.
इस हमलें के बाद से अफगान संकट में नये दौर का आरंभ हो गया है. एक तरफ अमेरिका हैं जो आईएसआईएस के नाम पर लोगों की जान ले रहा हैं तो दूसरी तरफ तालेबान हैं जो देश की हैं सेना को निशाना बना रहा हैं.