नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर ट्रांसपोर्ट पर हुआ हैं. देश भर में 40 फीसद से ज्यादा ट्रक पूरी तरह से खड़े हुए हैं. ट्रांसपोर्ट संगठन ने केंद्र सरकार से टोल की अग्रिम भुगतान प्रणाली शुरू करने की मांग की हैं.
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की समन्वय समिति के चेयरमैन अमृतलाल मदान ने बताया, “नोटबंदी से पैदा नकदी संकट के कारण देश के करीब 93 लाख ट्रकों में से 40 फीसद वाहन खड़े कर दिए गए हैं. इससे ट्रांसपोर्ट उद्योग को हर दिन लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.”
उन्होंने कहा कि सरकार को नकदी संकट के मद्देनजर देशभर में अगले छह महीनों के लिए ट्रकों और अन्य वाणिज्यिक वाहनों से टोल वसूली बंद कर देनी चाहिए या टोल की अग्रिम भुगतान प्रणाली शुरू करने की वर्षों पुरानी मांग मानकर ट्रांसपोर्टरों को बहुप्रतीक्षित राहत देनी चाहिए.
मदान ने कहा, “देशभर के नाकों पर हर साल करीब 17,000 करोड़ रुपये का टोल वसूला जाता है. हम ट्रांसपोर्टर इससे ज्यादा राशि का टोल भुगतान करने को तैयार हैं, बशर्ते हमसे सालभर का अग्रिम टोल जमा करा लिया जाए.”
उन्होंने आगे कहा कि देश में टोल नाकों पर ट्रकों के कतार में खड़े रहने से हर साल करीब एक लाख करोड़ रुपये के अनुमानित मूल्य का डीजल बर्बाद होता है. सरकार द्वारा टोल की अग्रिम वसूली से धन की इस बड़ी बर्बादी को भी रोका जा सकेगा.