नोट बंदी साइड इफ़ेक्ट : पैसे नही थे तो माँ का नही हो सका दाह संस्कार, दफ़नाया

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लखनऊ | नोट बंदी के बाद मोदी सरकार चाहे कितने भी दावे करे लेकिन हाल फ़िलहाल स्थिति सुधरती नही दिख रही है. लोगो को हो रही परेशानी दिन ब दिन बढती जा रही है. किसी की शादी टूट रही है तो कोई अपनी मरी हुई माँ का अंतिम संस्कार नही कर पा रहा है. एक ऐसा ही मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश से. यहाँ एक व्यक्ति की माँ की अचानक मौत हो गयी तो उसके पास अपनी माँ का अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे भी नही थे.

घटना हरैया इलाके के त्रिलोकपुरी तिवारी गाँव की है. यहाँ रहने वाली एक 75 वर्षीय महिला मथुरा देवी का सोमवार को निधन हो गया. मृतका के बेटे जंगबहादुर को अपनी माँ का अंतिम संस्कार करने पैसो की जरुरत थी इसलिए वो पैसे निकालने के लिए बैंक पहुंचे. लेकिन यहाँ लगी लम्बी लाइन ने उनको इन्तजार करने पर मजबूर कर दिया. काफी देर तक लाइन में लगने के बावजूद उनको पैसे नही मिले.

जब काफी देर हो गई तो जंगबहादुर बैंक मेनेजर के पास पहुंचा लेकिन उन्होंने भी उसकी कोई सहायता नही की. अंत में जंगबहादुर गाँव वापिस लौटा और पड़ोसियों से कुछ पैसे इकट्ठे किये. लेकिन अपनी माँ का दाह संस्कार करने के लिए यह पैसे नाकाफी थे. जंगबहादुर ने बताया की उनको अंतिम संस्कार करने के लिए 4 क्विंटल लकड़ी की जरूरत थी जिसकी कीमत 2400 है.

उनके गाँव से शमसान घाट भी पांच किलोमीटर दूर है इसलिए मृतक को शमशान तक ले जाने के लिए भी पैसो की जरुरत थी. पंडितो और अन्य लोगो के समझाने के बाद जंगबहादुर को अपनी माँ को दफ़नाने के लिए राजी हो गया. जंगबहादुर का कहना है की जब भी उनके पास पैसे होंगे वो अपनी माँ का अंतिम संस्कार जरुर करेगा.

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