पिछले साल ईद के मौके पर हुए दादरी हत्याकांड का डर आज भी बिसाहड़ा गाँव के मुसलमानों में मौजूद हैं. इस बात का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता हैं कि बिसाहड़ा गाँव के मुसलमानों ने ईद के मौके पर पुरे गाँव में कुर्बानी की रस्म अदा नहीं की.
गौमांस के मुद्दे पर हुई अखलाक की हत्या को एक साल होने वाला हैं. लेकिन गाँव के मुसलमानों में डर और दहशत का माहोल इतना हैं कि ईद पर इस वजह से कुर्बानी नहीं कर रहें कि कहीं वे इस तरह दुबारा साजिश का शिकार नहीं हो जाएँ.
मुस्लिम परिवार के लोगों का इस बारें में कहना हैं कि कुर्बानी पर किसी तरह का विवाद न हो, इसलिए वे कुर्बानी नहीं कर रहे हैं.
गौरतलब रहें कि दादरी के बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात गोहत्या की अफवाह पर अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. और अखलाक के बेटे दानिश को भी पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया था.