बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान को लेकर जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) ने कोर्ट के बहार निपटारे की संभावनाओं को खारिज किया है.
जेआईएच के अध्यक्ष मौलाना जलालुद्दीन उमरी ने 6 दिसंबर 1992 की घटना को भारत के इतिहास के सर्वाधिक काले दिनों में से एक करार देते हुए कहा, ‘हम बाबरी विध्वंस की 24वीं बरसी पर हम मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, मानवाधिकार संगठनों और सभी धर्मों के न्यायप्रिय लोगों के सहयोग से मस्जिद के पुननिर्माण के शांतिपूर्ण संघर्ष को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताते हैं.’
मौलाना जलालुद्दीन उमरी ने बाबरी मस्जिद की शहादत के आरोपी को अब तक सज़ा न दिए जाने को लेकर कहा कि लिब्राहन आयोग ने 17 साल के बाद अपनी रिपोर्ट दी. इसके बाद भी दोषियों को सजा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया.
लिब्राहन आयोग ने जून 2009 में बाबरी मस्जिद की शहादत से जुडी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. लेकिन 7 साल का लम्बा व्यक्त गुजर जाने के बाद भी इस पर कोई अमल नहीं हुआ.