नई दिल्ली | नोट बंदी के बाद देश को कैश लेस व्यवस्था की और ले जाने के लिए मोदी सरकार ने कुछ अहम कदम उठाये है . अपने ताजे फैसले में, मोदी सरकार ने सभी डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर सर्विस टैक्स हटाने का निर्णय लिया है. उनका यह कदम , लोगो को प्लास्टिक मनी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करने के रूप में देखा जा रहा है.
गुरुवार को मोदी सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए फैसला किया की जो लोग किसी भी प्रकार की शोपिंग या और सेवा के लिए डेबिट/क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करेंगे उनसे सर्विस चार्ज नही वसूला जायेगा. लेकिन सरकार ने इसकी भी एक सीमा तय की है. केवल 2 हजार तक के पेमेंट के लिए सर्विस चार्ज हटाया गया है. इसके ऊपर के सभी भुगतान पर सर्विस टैक्स देंना होगा.
नोट बंदी के बाद देश में नकदी की बहुत किल्लत है. मिली जानकारी के अनुसार आरबीआई के सभी प्रिंटिंग प्रेस में तीन शिफ्ट में काम हो रहा है. सभी प्रेस अपनी क्षमता से अधिक काम कर रही है. अनुमान के मुताबिक ये प्रेस करीब 4 हजार करोड़ नोट रोज छाप रही है लेकिन रोजाना नोटों की खपत 13 हजार करोड़ है. इस हिसाब से पुरे देश में नोटों का सर्कुलेशन करने के लिए करीब 6 महीने का समय लग सकता है.
इसी बात से परेशान केंद्र सरकार ने फैसला किया है की वो लोगो को कम से कम कैश का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. क्योकि अगर देश में छह महीने तक करेंसी की किल्लत रही तो देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुक्सान हो सकता है. इसी को देखते हुए मोदी सरकार अखबारों में विज्ञापन दे रही है, प्लास्टिक मनी के इस्तेमाल पर छूट दे रही है. यही नही 31 दिसम्बर तक कोई भी बैंक कार्ड से पेमेंट करने पर सरचार्ज भी नही वसूल रहा है.