पटना। बिहार दिवस का विधिवत उद्घाटन करने के बाद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि इस देश में रहने वाले सभी भारतीय हैं. देशभक्ति का मतलब केवल भारत माता के चित्र पर मार्ल्यापण करना और केवल भौगोलिक स्वरूप नहीं बल्कि देश की संपूर्ण आबादी का उत्थान हमारा लक्ष्य होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि वेदकाल से हमारी परंपरा ‘सबका साथ सबका विकास’ रही है. हम सभी भारतीय हैं. अनेक भाषा एवं भेष, फिर अपना एक देश. विविधता में एकता भारत की विशेषता है. नायडू ने कहा कि हमारा मजहब और पूजा पद्धति अलग अलग है, पर हमारे पूर्वजों ने जीवन पद्धति दी है उसे ही हमें कायम रखना चाहिए, यह बहुत जरूरी है.
देश की राजनीति पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि देश में जाति के आधार पर राजनीति नहीं होने दें. उन्होंने कहा कि सिद्घांतविहीन राजनीति करने वालों का साथ मत दीजिए. उन्होंने कहा कि राजनीति में जितना जरूरी सिद्घांत है, उतना ही आचरण भी जरूरी है. विकास के साथ सुशासन जरूरी है. ‘सबका साथ-सबका विकास’ के तर्ज पर ही देश का विकास हो सकता है.
गांधीजी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत बताते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि गांधीजी ने समाज को बदलने का जो संदेश दिया था, आज बिहार में उसे लागू करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने नीतीश कुमार द्वारा दहेजप्रथा, बाल विवाह आर नशाबंदी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की प्रशंसा की. उपराष्ट्रपति ने कहा कि एटम बम से अधिक ताकतवर अहिंसा है और इसे महात्मा गांधी ने साबित कर दिया. यह गांधी का बड़ा आविष्कार है. गांधी ने बिहार से ही देश को सत्याग्रह दिया.
इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि इस समय समाज में उपद्रवी तत्व सक्रिय हो गए हैं. वे तनाव पैदा करने की कोशिश करेंगे. रामनवमी के दौरान सामाजिक विद्वेष, उत्तेजना फैलाने की साजिश करेंगे. पर, उन्हें सफल नहीं होने देना है. बिहार की सबसे बड़ी पूंजी सामाजिक सद्भाव है. पर, इधर-उधर के लोग इसे तोड़ने में जुटे हैं. प्रार्थना है कि उनकी बातों में नहीं आएं. छोटे-मोटे झगड़े होते रहे हैं लेकिन इसने कभी दंगे का रूप नहीं लिया. यह हमारी खासियत रही है कि हमने ऐसे तत्वों को कभी हावी नहीं होने दिया.
सीएम बिहार दिवस के अवसर पर बिहारवासियों से सामाजिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की और ऐसे तत्वों को चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को किसी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा.